राजगढ़, मिर्जापुर/मड़िहान: मड़िहान थाना क्षेत्र के अटारी गांव में मंगलवार की रात एक 12 वर्षीय बालक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बालक की मौत का कारण झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन लगाने की बात सामने आ रही है, जिसके बाद परिजनों ने निजी चिकित्सालय में हंगामा किया।
मटिहानी गांव निवासी मृत बालक धीरज के पिता लक्ष्मन आदिवासी ने बताया कि उनके पुत्र को पिछले दो दिनों से बुखार था। सोमवार सुबह, स्वजन ने धीरज को गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाकर उपचार कराया। डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन देकर घर भेज दिया। लेकिन बुखार न उतरने पर, परिवार ने शाम को फिर से उसी झोलाछाप के पास जाकर इलाज कराने का फैसला किया।
दूसरी बार जब धीरज को इंजेक्शन लगाया गया, तो उसकी स्थिति बिगड़ने लगी। इसके बाद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। स्थिति को भांपते हुए झोलाछाप डॉक्टर मौके से फरार हो गया।
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बालक की बिगड़ती हालत को देखते हुए परिवार ने उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मड़िहान पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों में दुख और आक्रोश की लहर दौड़ गई।
मड़िहान थाना अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण धीरज की जान गई है। इस मामले ने यह सवाल उठाया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है, और झोलाछाप डॉक्टर की तलाश जारी है। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है, और स्थानीय लोग इस पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।