प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं की अभिव्यक्ति करते हुए एक प्रेसवार्ता में सनातन धर्म की रक्षा और उसके अनुयायियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक सशक्त संस्था की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाने के आरोपों को धार्मिक आस्था पर गंभीर हमला बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग की।
ठाकुर ने कहा, “देश में 100 करोड़ से अधिक सनातनियों की आस्था का सवाल है, जिसे किसी भी स्थिति में अनदेखा नहीं किया जा सकता।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिरों में अन्य धर्मों के अनुयायियों की तैनाती न केवल अनुचित है, बल्कि इससे सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाएं भी आहत होती हैं।
इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दों पर ठोस और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है, न कि केवल शब्दों में बात की जाए।
‘सनातन धर्म बोर्ड’ की मांग
देवकीनंदन ठाकुर ने यह भी प्रस्ताव दिया कि जैसे वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों की देखरेख के लिए है, वैसे ही सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक मजबूत ‘सनातन धर्म बोर्ड’ का गठन किया जाना चाहिए। उनका कहना था, “जब वक्फ बोर्ड बना था, तब सनातन धर्म बोर्ड भी बनना चाहिए था, ताकि हमारी धार्मिक स्वतंत्रता और संस्कृति का संरक्षण हो सके।”
इसके अतिरिक्त, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य स्तर पर ‘सनातन धर्म बोर्ड’ के गठन की भी अपील की, ताकि राज्य में सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
तिरुपति बालाजी मंदिर में चर्बी मिलाने पर नाराजगी
हाल ही में सामने आई खबरों में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाने का आरोप लगाया गया था। देवकीनंदन ठाकुर ने इस पर अपनी चिंता जताते हुए इसे सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं पर गहरा आघात बताया। उन्होंने सरकार से इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की अपील की। उनका कहना था कि ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए जो धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करें।
दिल्ली में 16 नवंबर को होगी ‘सनातन धर्म संसद’
देवकीनंदन ठाकुर ने यह भी घोषणा की कि 16 नवंबर को दिल्ली में एक ‘सनातन धर्म संसद’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें इस मुद्दे पर गहन मंथन किया जाएगा। इस संसद में देश भर के संत और धर्माचार्य एकत्र होकर सनातन धर्म बोर्ड के गठन की मांग करेंगे। ठाकुर ने कहा, “यह संसद सनातन धर्म के अनुयायियों के अधिकारों और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”
धार्मिक एकता का आह्वान
देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के अनुयायियों से अपील की कि वे इस अभियान का समर्थन करें और अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म सभी के लिए है, यह हमारी संस्कृति का आधार है और हमें इसे बचाने के लिए सजग और सतर्क रहना होगा।”