लखनऊ। महाकुंभ मेला, जहां सिनेमा में बिछड़ने की क्लासिक कहानियों का जिक्र होता है, अब योगी सरकार की तकनीकी पहल से एक नई कहानी लिखने जा रहा है। महाकुंभ में हर तीर्थयात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक हाई-टेक खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे खोने का डर खत्म हो जाएगा।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग की संयुक्त पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर कोई व्यक्ति खो जाए, तो उसे जल्द से जल्द उसके परिवार से मिलाया जा सके। खोया-पाया केंद्रों में डिजिटल पंजीकरण होगा, जिससे तीर्थयात्री अपने प्रियजनों को आसानी से ढूंढ सकेंगे।
तकनीक के साथ नई कहानी
महाकुंभ 2025 में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए विशेष डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की जाएगी। खोए हुए व्यक्तियों का पंजीकरण तुरंत किया जाएगा, और उनकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी साझा की जाएगी। अगर 12 घंटे के भीतर कोई खोए हुए सदस्य का दावा नहीं करता है, तो पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था की नई पहल :
सरकार की नई पहल बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला का दावा करने पर उनकी पहचान की पुष्टि करनी होगी। इससे खोए हुए व्यक्तियों को सुरक्षित तरीके से उनके परिवारों तक पहुंचाना सुनिश्चित होगा।
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इस पहल के जरिए महाकुंभ अब बिछड़ने की दुखद कहानियों से दूर होकर पुनर्मिलन की नई कहानियां लिखने जा रहा है। अब कुंभ का मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और सुखद अनुभव होगा।
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