लखनऊ। चर्चित डीएसपी जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी ठहराया है। 2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक की लाठी-डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया और उनके करीबी गुलशन यादव पर लगा था, लेकिन सीबीआई जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।
इस मामले में दोषी ठहराए गए 10 आरोपियों में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल शामिल हैं।
हत्या का घटनाक्रम
2013 में कुंडा के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद गांव में भारी हिंसा भड़क उठी थी। डीएसपी जियाउल हक जब मौके पर पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें घेरकर लाठी-डंडों से पीटने के बाद गोली मार दी। घटना के बाद इलाके में भारी बवाल हुआ, लेकिन पुलिस ने देर रात जियाउल हक का शव प्रधान के घर के पीछे बरामद किया।
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सीबीआई जांच और कोर्ट का फैसला
जियाउल हक की पत्नी परवीन ने इस हत्याकांड में राजा भइया सहित कई लोगों पर आरोप लगाया था। हालांकि, सीबीआई ने 2013 में अपनी जांच के बाद राजा भइया और उनके सहयोगियों को क्लीन चिट दे दी थी। इस क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि राजा भइया और गुलशन यादव को पहले ही निर्दोष करार दिया जा चुका है।
इस फैसले से 11 साल पुराने इस चर्चित मामले में न्याय मिला है, हालांकि राजा भइया और उनके करीबी सहयोगियों को मिली क्लीन चिट अभी भी विवादों में है।
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