लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। कर्मचारियों ने आज हज़रतगंज स्थित फील्ड हॉस्टल में दोपहर 12 बजे विद्युत पंचायत बुलाई है। इस पंचायत में लगभग 1000 लोगों के जुटने की संभावना है।
बिजली कर्मचारियों का कहना है कि विभाग के निजीकरण से उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को नुकसान होगा। पंचायत में निजीकरण के खिलाफ आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
कर्मचारियों का विरोध बढ़ा
बिजली विभाग के कर्मचारी लंबे समय से निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि निजीकरण से बिजली महंगी होगी और सेवाओं की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पंचायत में यूनियन के प्रतिनिधि और विभाग के कई अधिकारी शामिल होंगे।
यूपी सरकार से अपील
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने सरकार से निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
फील्ड हॉस्टल बना हॉटस्पॉट
फील्ड हॉस्टल में सुबह से ही कर्मचारियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। पुलिस और प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
क्या कहती है सरकार?
सरकार ने अभी इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि, निजीकरण के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि इससे बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।