पीलीभीत। पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस की साझा कार्रवाई में सोमवार सुबह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) से जुड़े तीन खतरनाक आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। मुठभेड़ माधोटांडा मार्ग पर खमरिया पट्टी के पास हुई, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह (25), वरिंदर सिंह उर्फ रवि (23) और जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) के रूप में हुई है। तीनों पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले थे।
ग्रेनेड हमले के बाद से फरार थे आतंकी
पंजाब के गुरदासपुर जिले में 18 दिसंबर को बख्शीवाल चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी केजेडएफ ने ली थी। पंजाब पुलिस की जांच में पता चला कि हमले के बाद आतंकी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में छिपे हुए हैं। सोमवार सुबह 4:30 बजे पंजाब और यूपी पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया।
मुठभेड़ में खत्म हुआ आतंकी नेटवर्क
सुबह 5:30 बजे पुलिस ने तीन संदिग्धों को घेरने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकी घायल हो गए और बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मौके से दो एके-47, दो विदेशी पिस्टल और चोरी की एक बाइक बरामद की।
पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल का खुलासा
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह मॉड्यूल पाकिस्तान से प्रायोजित था। इसके संचालन की जिम्मेदारी ग्रीस में रहने वाले जसविंदर सिंह मन्नू पर थी, जबकि मॉड्यूल का मास्टरमाइंड ब्रिटेन में मौजूद जगजीत सिंह था। जगजीत ब्रिटिश सेना में काम कर रहा है और फतेह सिंह बागी के नाम से सोशल मीडिया पर संदेश पोस्ट करता था।
जांच के घेरे में स्थानीय मददगार
आतंकियों के पीलीभीत में छिपने और उनके स्थानीय संपर्कों की जांच की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि आतंकियों को यहां कोई मददगार था। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि वे नेपाल भागने की फिराक में यहां क्यों रुके।
डिजिटल सबूत और जंगी एप का इस्तेमाल
पुलिस ने बताया कि आतंकी एक जंगी एप का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसमें भेजा गया संदेश 20 सेकेंड में डिलीट हो जाता है। ग्रेनेड हमले के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट जारी किया था, जो पुलिस के हाथ लग गया।
घटनास्थल पर मिले खून के निशान
मुठभेड़ स्थल पर पुलिस की गाड़ी के शीशे टूटे हुए मिले, जबकि आतंकियों की बाइक झाड़ियों में पड़ी थी। सड़क किनारे और खेतों तक खून के निशान पाए गए, जो बताते हैं कि घायल आतंकी भागने की कोशिश कर रहे थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा झटका
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि इस कार्रवाई से आतंकी मॉड्यूल को बड़ा नुकसान पहुंचा है। यह सफलता भविष्य में बड़े हमलों को रोकने में सहायक होगी।
आतंक के खिलाफ बड़ी जीत
यह मुठभेड़ न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि आतंक के खिलाफ एकजुट कार्रवाई का प्रमाण भी है।