साक्षात्कारकर्ता: मनोज शुक्ल
वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर हमने लखनऊ के अपोलो मेडिक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. अजय बहादुर से खास बातचीत की। डॉ. बहादुर ने हृदय रोगों के सामान्य कारणों, उनके लक्षणों और रोकथाम के तरीकों पर गहन जानकारी दी। आइए जानते हैं, कैसे हम अपनी दिल की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
प्रश्न 1: हृदय रोगों के सबसे सामान्य कारण क्या हैं?
डॉ. अजय बहादुर: हृदय रोगों के सबसे प्रमुख कारण अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, मोटापा, तनाव, और शारीरिक गतिविधियों की कमी हैं। इसके अलावा, वंशानुगत कारक और खराब आहार भी हृदय रोगों के पीछे के कारण हो सकते हैं।
प्रश्न 2: दिल की बीमारी से बचने के लिए कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
डॉ. अजय बहादुर: दिल को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी बनानी चाहिए। साथ ही तनाव को कम करने के उपाय जैसे ध्यान, योग आदि को अपनाना चाहिए। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें।
प्रश्न 3: उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का हृदय स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
डॉ. अजय बहादुर: उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल हृदय की धमनियों में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए नमक और संतृप्त वसा का सेवन कम करना, नियमित व्यायाम करना, और संतुलित आहार लेना आवश्यक है।
प्रश्न 4: हृदय रोग के लक्षण क्या होते हैं और शुरुआती संकेतों को कैसे पहचाना जा सकता है?
डॉ. अजय बहादुर: हृदय रोग के मुख्य लक्षणों में सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, अत्यधिक थकान, चक्कर आना और हाथ या पीठ में दर्द शामिल हैं। इन संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये दिल के दौरे का संकेत हो सकते हैं।
प्रश्न 5: संतुलित आहार और व्यायाम का हृदय स्वास्थ्य पर क्या असर होता है?
डॉ. अजय बहादुर: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम हृदय को स्वस्थ रखते हैं। आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल करें, और नियमित रूप से व्यायाम करें जैसे चलना, दौड़ना, तैराकी आदि।
प्रश्न 6: धूम्रपान और शराब के सेवन का हृदय पर क्या असर पड़ता है?
डॉ. अजय बहादुर: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान से धमनियों में प्लाक बनता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इन आदतों को समय पर छोड़कर हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है।
प्रश्न 7: युवा पीढ़ी में बढ़ते हृदय रोग का कारण क्या है?
डॉ. अजय बहादुर: आजकल अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, धूम्रपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण युवा पीढ़ी में भी हृदय रोग के मामले बढ़ रहे हैं। उन्हें अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है।
प्रश्न 8: क्या पारिवारिक इतिहास हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है?
डॉ. अजय बहादुर: हां, अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास है तो व्यक्ति में भी इसका जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, और रक्तचाप व कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराना जरूरी है।
प्रश्न 9: महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों से कैसे भिन्न होते हैं?
डॉ. अजय बहादुर: महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों से थोड़े अलग हो सकते हैं, जैसे कि थकान, चक्कर आना, पीठ या जबड़े में दर्द। विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद महिलाओं को नियमित रूप से हृदय की जांच करानी चाहिए।
प्रश्न 10: तनाव और मानसिक स्वास्थ्य का हृदय पर क्या प्रभाव होता है?
डॉ. अजय बहादुर: अत्यधिक तनाव से रक्तचाप बढ़ता है, जो दिल के लिए हानिकारक है। योग, ध्यान और व्यायाम तनाव कम करने के प्रभावी तरीके हैं।
प्रश्न 11: क्या बच्चों और किशोरों को भी हृदय रोग का खतरा हो सकता है?
डॉ. अजय बहादुर: हां, अगर बच्चों का आहार अस्वास्थ्यकर है और वे शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते तो उन्हें भी हृदय रोग का खतरा हो सकता है। संतुलित आहार और खेलकूद उनकी दिल की सेहत के लिए जरूरी हैं।
प्रश्न 12: एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी के बाद जीवनशैली में क्या बदलाव लाने चाहिए?
डॉ. अजय बहादुर: इन सर्जरी के बाद मरीजों को संतुलित आहार, व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी बनानी चाहिए। साथ ही, डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेते रहना जरूरी है।
प्रश्न 13: क्या प्राकृतिक सप्लीमेंट्स हृदय के लिए लाभदायक हो सकते हैं?
डॉ. अजय बहादुर: कुछ प्राकृतिक सप्लीमेंट्स हृदय के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
डॉ. अजय बहादुर की सलाह से हमें हृदय स्वास्थ्य के बारे में बेहतर जानकारी मिली। इस वर्ल्ड हार्ट डे पर अपने दिल का ख्याल रखें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
डॉ. अजय सिंह लखनऊ के प्रतिष्ठित अपोलो मेडिक्स हॉस्पिटल में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) के रूप में कार्यरत हैं। अपने 20 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, वे हृदय संबंधी जटिल समस्याओं और उनकी रोकथाम में विशेषज्ञता रखते हैं। डॉ. अजय सिंह ने अपने 20 वर्ष के करियर में अनेक एंजियोप्लास्टी, बायपास सर्जरी, और अन्य जटिल हृदय रोग उपचारों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
उनकी चिकित्सा सेवाओं में रोगियों को जागरूक करना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। वे नियमित रूप से हृदय स्वास्थ्य, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल प्रबंधन और हृदय रोगों की रोकथाम से संबंधित विषयों पर परामर्श देते हैं। World Heart Day जैसे मौकों पर, डॉ. अजय सिंह का उद्देश्य लोगों को दिल की बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करना और सही जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।