“लखनऊ के सिकंदर पुर अमोलिया गांव में एलडीए अधिकारियों को किसानों ने बंधक बना लिया। किसानों का आरोप है कि उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। जानिए कैसे पुलिस और अधिकारियों ने स्थिति को संभाला।“
लखनऊ। शुक्रवार को लखनऊ के सिकंदर पुर अमोलिया गांव में जमीन मुआवजे के विवाद को लेकर किसान उग्र हो गए और एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों को बंधक बना लिया। घटना उस समय हुई जब एलडीए की सर्वे टीम गांव में जमीन का सर्वेक्षण करने पहुंची थी। जैसे ही किसानों को इस बारे में जानकारी मिली, उन्होंने भारी संख्या में पहुंचकर एलडीए टीम का विरोध किया और उन्हें धरना स्थल पर ले गए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए दो थानों की पुलिस फोर्स तुरंत मौके पर पहुंच गई। किसानों ने मांग की कि जब तक एलडीए के वरिष्ठ अधिकारी लिखित आश्वासन नहीं देते, तब तक सर्वे टीम को छोड़ा नहीं जाएगा। आखिरकार, एलडीए अधिकारियों के लिखित आश्वासन देने के बाद किसानों ने बंधकों को रिहा कर दिया।
गौरतलब है कि सुल्तानपुर रोड के पास किसान पथ के नीचे 43 दिनों से किसान धरने पर बैठे हैं, जहां वे जमीन के उचित मुआवजे और एलडीए की मनमानी का विरोध कर रहे हैं। किसानों ने पहले भी अपनी आवाज उठाने के लिए मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया था, जिसके बाद 26 अक्टूबर को एलडीए और आवास विकास विभाग के अधिकारियों से चर्चा हुई थी।
घटनाक्रम पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मामले को शांत करने की कोशिश की और किसानों को समझाया। इस बीच एलडीए अधिकारियों ने लिखित में यह वादा किया कि बिना अनुमति के किसी भी किसान की जमीन पर निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा, जिसके बाद किसानों ने अधिकारियों को छोड़ा।
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