“पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं का पीछे हटना शुरू, गलवान जैसी झड़पों से बचने के लिए नई पेट्रोलिंग व्यवस्था लागू। जानें पूरा मामला।”
नई दिल्ली। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डेमचोक और देपसांग पॉइंट्स से दोनों देशों की सेनाएं अपने अस्थायी तंबू और सैन्य उपकरण हटा रही हैं। इस समझौते का उद्देश्य 2020 के गलवान संघर्ष जैसी घटनाओं से बचना और सीमा पर शांति स्थापित करना है। समझौते के अनुसार, दोनों देशों की सेनाएं अलग-अलग दिनों पर पेट्रोलिंग करेंगी और एक-दूसरे को इसकी सूचना देंगी।
सूत्रों के अनुसार, 28 और 29 अक्टूबर तक दोनों देश डेमचोक और देपसांग से पूरी तरह से अपने सैनिक हटा लेंगे। इस प्रक्रिया में सीमित सैनिकों को पेट्रोलिंग के लिए तैनात किया जाएगा। हालांकि, पेट्रोलिंग में शामिल सैनिकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं की गई है।
पिछली स्थिति में लौटने का उद्देश्य
डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने का फैसला 18 अक्टूबर को लिया गया था, जिसमें कहा गया था कि दोनों सेनाएं 2020 से पहले की स्थिति में लौटेंगी और वही क्षेत्र गश्त करेंगी, जिन्हें अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। 21 अक्टूबर को एक नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ है, जिसके अंतर्गत दोनों देश गलवान जैसी घटनाओं से बचने के लिए समन्वय बनाए रखेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य लद्दाख में शांति बहाल करना और पहले जैसी स्थिति वापस लाना है।
पेट्रोलिंग पॉइंट्स की स्थिति
- देपसांग: भारतीय सैनिक अब पेट्रोलिंग पॉइंट्स 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे।
- डेमचोक: यहां के पेट्रोलिंग पॉइंट्स 14, 15, और 17 बफर जोन के रूप में निर्धारित किए गए हैं। बफर जोन वह क्षेत्र हैं जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं। इन जोनों पर भविष्य में विचार किया जाएगा।
भारत-चीन पेट्रोलिंग समझौते के प्रमुख बिंदु
- ब्रिक्स सम्मेलन के पहले समझौते पर मुहर: इस समझौते को अंतिम रूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स यात्रा के पहले दिया गया। ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई, जिसमें सीमा पर शांति कायम रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल करने की सहमति: पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल की जाएगी। इस समझौते के तहत, चीन उन इलाकों से अपनी सेना पीछे हटाएगा, जहां उसने अतिक्रमण किया था।
- सीमावर्ती मुद्दों के समाधान पर सहमति: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया कि सीमा पर पेट्रोलिंग और 2020 के बाद उत्पन्न मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देशों ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई थी झड़प
15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए। यह घटना तब हुई जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास के बहाने सैनिकों को एकत्रित कर घुसपैठ की। इसके बाद भारत ने भी अपनी सेनाओं की संख्या में वृद्धि की, और सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। इस झड़प में चीन के करीब 60 सैनिक भी मारे गए थे।