खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं की आवाज को दबाने की कोशिश के बाद अब किसानों ने अपनी रणनीति और मजबूत कर ली है।
आठ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के प्रांतीय प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल की सुरक्षा अब किसानों ने अभेद्य कर दी है। 40-40 किसानों की टीम, लाठियों के साथ तीन लेयर में 24 घंटे पहरा दे रही है। हर आठ घंटे में पहरेदारों की शिफ्ट बदलती रहती है।
डल्लेवाल बोले: आखिरी सांस तक जारी रहेगी लड़ाई
डल्लेवाल के अनशन के बीच उनकी सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनसे मिलने की अनुमति नहीं है। केवल संगठन के प्रमुख नेता, मेडिकल टीम और मीडिया को ही सीमित समय के लिए मिलने दिया जा रहा है।
हरियाणा से मंगलवार को किसानों का बड़ा जत्था खनौरी बॉर्डर पहुंचा, जहां उन्होंने डल्लेवाल को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।
डल्लेवाल ने अपने संबोधन में कहा, “केंद्र सरकार हमेशा किसान आंदोलनों को कमजोर करने की कोशिश करती आई है, लेकिन हम किसानों के हक के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ेंगे।”
डल्लेवाल की सेहत बिगड़ रही, लेकिन हौसला बरकरार
आमरण अनशन के आठवें दिन डल्लेवाल की सेहत में गिरावट दर्ज की गई है। डॉक्टरों की जांच में पाया गया कि उनका वजन आठ किलो तक कम हो गया है। शुगर लेवल 73 और बीपी 145/99 था। डल्लेवाल कैंसर और शुगर जैसी बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद अपने इरादों पर अडिग हैं।
सुरक्षा बढ़ाई, मंच खिसकाया गया पीछे
पंजाब और हरियाणा पुलिस की कार्रवाई की आशंका को देखते हुए किसानों ने धरनास्थल से मंच को 800 मीटर पीछे कर लिया है। इससे पहले यह मंच हरियाणा सीमा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर था।
डल्लेवाल का केंद्र और पंजाब सरकार पर निशाना
डल्लेवाल ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार और पंजाब सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वर्ष 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को बनाने के लिए किसानों ने लंबी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन भाजपा सरकार इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही है। लुधियाना में काले पानी के खिलाफ चल रहे आंदोलन को दबाने की कोशिश की जा रही है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।”
खनौरी बॉर्डर पर किसानों का यह आंदोलन फरवरी से चल रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा।