उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के परस्पर तबादले की प्रक्रिया में लापरवाही सामने आई है। फतेहपुर बीएसए नोटिस सहित 26 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को आवेदन सत्यापन न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सख्त रुख अपनाया है।
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि 13 मई तक ऑनलाइन आवेदन सत्यापन की समयसीमा तय की गई थी, लेकिन इन जिलों के बीएसए द्वारा प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं की गई। नतीजतन, विभाग को सत्यापन की तिथि बढ़ानी पड़ी, जिससे आगे की तबादला प्रक्रिया प्रभावित हुई।
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जिन 26 जिलों के बीएसए को नोटिस जारी किया गया है, उनमें रायबरेली, फतेहपुर, सुल्तानपुर, गोंडा, अंबेडकरनगर, बहराइच, वाराणसी, मिर्जापुर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, औरैया, बस्ती, चंदौली, इटावा, संतकबीरनगर, शामली, उन्नाव, आगरा, बलरामपुर, हाथरस, जौनपुर, कानपुर नगर, महराजगंज और संभल शामिल हैं।
निदेशक ने स्पष्ट किया कि यदि कोई बीएसए संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शुक्रवार तक हर हाल में सभी लंबित आवेदनों का शत-प्रतिशत सत्यापन पूरा करने का निर्देश भी दिया है।
फतेहपुर बीएसए नोटिस और अन्य जिलों में जारी की गई सख्ती का उद्देश्य शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है। विभाग ने दोहराया है कि आगे कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।