“महराजगंज में वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबडेवाल के मकान को गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर IAS-IPS समेत 26 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज। CBCID को सौंपी गई जांच, CBI जांच की भी उठी मांग।”
महराजगंज। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबडेवाल आकाश के पैतृक मकान को अवैध तरीके से गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मामले में IAS, IPS, PCS, PPS, लोक निर्माण विभाग (PWD) और NH के इंजीनियरों समेत कुल 26 अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ आजीवन कारावास जैसी धाराओं में FIR दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने ठोका 25 लाख का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
CBCID को सौंपी जांच
इस मामले की जांच का जिम्मा उत्तर प्रदेश CBCID को सौंपा गया है। CBCID अब इस मामले में गहराई से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
FIR में शामिल धाराएं और नामजद आरोपी
महराजगंज के पूर्व जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, PWD और NH के अभियंता, LIU इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी, सब-इंस्पेक्टर और कई अन्य कर्मियों को आजीवन कारावास और अवैध कार्रवाई जैसी गंभीर धाराओं के तहत आरोपित किया गया है।
मनोज टिबडेवाल का बयान
मनोज टिबडेवाल ने कहा, “यह मामला न केवल मेरे व्यक्तिगत अधिकारों का हनन है, बल्कि यह न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है। मैं इस मामले की CBI जांच के लिए प्रयास करूंगा। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
अवैध कार्रवाई का आरोप
मनोज टिबडेवाल ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना और उचित प्रक्रिया के उनका पैतृक मकान बुलडोजर से गिरा दिया गया। इस कार्रवाई में LIU और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलीभगत की थी।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल