हरिद्वार: दशहरे की रात से गंगा नहर को बंद कर दिया गया है, और इसे दीपावली तक बंद रखा जाएगा। यह बंदी गंगा की सफाई और मरम्मत कार्यों के लिए की गई है। हर साल की तरह इस वर्ष भी गंगा नहर की सफाई और मरम्मत कार्य दशहरे और दीपावली के बीच किया जा रहा है, जिससे गंगा की पवित्रता और जल की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके।
गंगा बंदी के दौरान मुख्य रूप से गंगा नहर की साफ-सफाई की जाएगी और इसके साथ ही नहर की मरम्मत के जरूरी कार्य भी पूरे किए जाएंगे। गंगा नहर के अंदर जमा गाद (मिट्टी, गंदगी) को हटाने और इसके किनारों की मरम्मत की जाएगी, जिससे नहर का जल प्रवाह सुचारु हो सके और गंगा जल की गुणवत्ता भी बनी रहे।
हर की पौड़ी और गंगा घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं में इस गंगा बंदी के कारण मायूसी देखने को मिल रही है। हरिद्वार में हर दिन हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं, लेकिन गंगा नहर के बंद होने के कारण उन्हें गंगा स्नान का सौभाग्य नहीं मिल पा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि गंगा में डुबकी लगाने का धार्मिक महत्व है, और इस अवसर से वंचित होना उनके लिए निराशाजनक है।
प्रशासन ने गंगा बंदी के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखने के लिए कई वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं। अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सफाई और मरम्मत कार्य तेजी से पूरे किए जाएं, ताकि दीपावली के बाद नहर को पुनः चालू किया जा सके। इसके अलावा, सफाई कार्य को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए विभिन्न टीमें तैनात की गई हैं।
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गंगा नहर की सफाई के दौरान नहर में जमा गाद और कचरे को निकाला जाएगा। इसके अलावा, नहर की दीवारों और बाढ़ सुरक्षा कार्यों की मरम्मत की जाएगी, ताकि पानी का प्रवाह बाधित न हो और नहर की संरचना मजबूत रहे। यह प्रक्रिया हर साल गंगा के शुद्धिकरण और नहर की देखभाल के लिए की जाती है।
गंगा नहर की सफाई और मरम्मत कार्य महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इससे श्रद्धालुओं में निराशा भी है, क्योंकि वे गंगा स्नान और पूजा से वंचित हो रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह कार्य दीपावली तक पूरा कर लिया जाएगा और नहर को फिर से खोल दिया जाएगा, ताकि श्रद्धालु पुनः गंगा स्नान का लाभ उठा सकें।