अजय त्रिपाठी/पुंडरीक पाण्डेय, बहराइच। मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि आसपास के स्कूल, बाजार बंद करवा दिए गए हैं और चप्पे पर फोर्स तैनात है।
हिंसा में मारे गए युवक के शव का सोमवार भोर में पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शव परिजनों को सौंपा गया तो भीड़ और आक्रोशित हो गई। हजारों की संख्या में लोग शव को लेकर तहसील की ओर चल पड़े।
मूर्ति विसर्जन जुलूस पर हुए पथराव और हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा का शव सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच परिजनों को सौंपा गया। शव मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए। हिंसा करने वालों को दंडित करने की मांग को लेकर लोग शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। देखते-देखते भीड़ शव को चारपाई पर रखकर तहसील की ओर निकल पड़ी। भारी संख्या में फोर्स भी उनके पीछे चलती रही लेकिन लोगों का आक्रोश देख उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
महाराजगंज बाजार, रेहुआ मंसूर गांव और आसापास के करीब दो दर्जन से ज्यादा गांव के लोग लाठी, डंडे से लैस होकर प्रदर्शन में शामिल है। हालात को देखते हुए कमिश्नर, डीएम, आईजी, डीआईजी समेत सभी आला अधिकारियों ने इलाके में डेरा डाल रखा है। हिंसा में सुधाकर तिवारी (45), सत्यवान (40), अखिलेश वाजपेयी (55) विनोद मिश्रा (60), लाल विश्वकर्मा (55) समेत 12 से अधिक लोग घायल हो गए। इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि ज्यादातर घायलों का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
फायरिंग का आरोपी सलमान समेत 25 गिरफ्तार
बहराइच की सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य आरोपी सलमान समेत कई लोगों पर एफआईआर किया गया है। पुलिस ने सलमान को गिरफ्तार कर करीब 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पूजा कमेटी देर रात तक इस बात पर अड़ी रहीं कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो। आरोपियों को फांसी देने के नारे देर रात सड़कों पर गूंजते रहे। महराजगंज की घटना के विरोध में पूरे बहराइच जिले में बवाल बढ़ गया है। देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी होती रही। इस बीच पुलिस व प्रशासन बैकफुट पर नजर आया।
डीजीपी की सख्ती के बाद देर रात हरदी थाना प्रभारी और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया। एक साथ पूरे जिले में विरोध शुरू होने पर आला अधिकारी भी सकते में नजर आए। रात में एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि अपने दायित्यों में लापरवाही को लेकर एसएचओ व महसी चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है। पूरे घटना क्रम की सघन जांच की जा रही है। कर्तव्यों में लापरवाही बरतने वाले किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा। हालांकि एसपी की कार्रवाई के बाद भी लोगों में आक्रोश बना हुआ है।
लोगों का कहना है कि थाने की पुलिस के साथ-साथ सीओ रुपेन्द्र गौड़ ने भी लापरवाही बरती और लाठियां भांजी। ऐसे में इनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारी क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों से एकत्रित होकर महसी तहसील की ओर बढ़े। भीड़ में 20,000 से अधिक लोग शामिल थे, जो लाठी, डंडे और धारदार हथियारों के साथ उग्र हो गए। उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और उचित कार्रवाई की मांग की। इस उग्र प्रदर्शन में कुछ गाड़ियों और दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
बिगड़ते हालात
इस बीच, एक अन्य घायल व्यक्ति, सत्यवान मिश्रा, जो उपद्रवियों के हमले में घायल हुए थे, उनकी भी मौत हो गई। इससे प्रदर्शनकारियों का आक्रोश और बढ़ गया। वे लगातार नारेबाजी कर रहे थे और हिंसा की स्थिति पैदा कर रहे थे।
घटना के संबंध में इस वक्त की जानकारी के लिए डीएम,कप्तान से लेकर कोई भी अधिकारी फोन नही उठा रहा है।
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