गोरखपुर में राज्य का पहला आयुष विश्वविद्यालय बन रहा है, जिसमें आयुष से जुड़ी पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित यूनिक कोर्स चलाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत, विश्वविद्यालय में पीएचडी, स्नातक, परास्नातक और रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू होंगे।
गोरखपुर: सिटी ऑफ नॉलेज के रूप में ख्याति अर्जित कर रहे गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय लगभग तैयार है। इस माह के अंत तक इसके निर्माण कार्य की समाप्ति की उम्मीद है। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर बनने वाला यह विश्वविद्यालय आयुष से जुड़ी चिकित्सा पद्धतियों पर पारंपरिक और आज के दौर की आवश्यकताओं के अनुरूप यूनिक कोर्स प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयुष विभाग देश के अन्य राज्यों में चलाए जा रहे आयुष पाठ्यक्रमों का तुलनात्मक अध्ययन कर रहा है ताकि यहां भी नए और रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकें। विश्वविद्यालय में पीएचडी, स्नातक और परास्नातक स्तर के साथ कई समयानुकूल और रोजगारपरक पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने बताया कि आयुष विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा जैसी चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ ही रोजगार परक कोर्स जैसे बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद, बी फार्मा आयुर्वेद, पंचकर्म असिस्टेंट डिप्लोमा, अग्निकर्म डिप्लोमा आदि भी प्रस्तावित हैं। इसके अलावा विदेशी छात्रों के लिए भी डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे।
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आयुष विश्वविद्यालय में 15 फरवरी 2023 को आयुष ओपीडी का शुभारंभ किया गया था, जिसमें अब तक एक लाख से अधिक मरीजों ने परामर्श लिया है। जल्द ही यहां आयुष अस्पताल भी शुरू होगा, जहां आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और योग जैसी चिकित्सा पद्धतियों से उपचार की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी।
आयुष हेल्थ टूरिज्म और औषधीय खेती को मिलेगा बढ़ावा
इस आयुष विश्वविद्यालय के स्थापना से हेल्थ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे आसपास के गांवों के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इसके साथ ही किसान औषधीय खेती के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे।
गोरखपुर का आयुष विश्वविद्यालय प्रदेश में रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
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