उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। गोरखपुर आत्महत्या पारिवारिक त्रासदी ने न केवल एक परिवार को पूरी तरह उजाड़ दिया, बल्कि गांव भर को गमगीन कर दिया। हरपुर-बुदहट थाना क्षेत्र के कूचडेहरि गांव में बुधवार को पहले बेटे की आत्महत्या, फिर मां और बहन द्वारा जहर खाने की घटना ने पूरे जनपद को झकझोर दिया।
मामला बुधवार को उस समय गंभीर हो गया जब 18 वर्षीय मोहित कन्नौजिया ने मां से डांटने पर नाराज होकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बेटे को फांसी पर लटका देख उसकी मां कौशिल्या और 14 वर्षीय बहन सुप्रिया ने भी सल्फास खा लिया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मां-बेटी को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। वहां बुधवार की शाम को सुप्रिया की मौत हो गई, जबकि गुरुवार सुबह कौशिल्या ने भी दम तोड़ दिया। तीनों की मौत के बाद परिवार में अब केवल मोहित के दादा हरिलाल (72) ही शेष बचे हैं।
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गोरखपुर आत्महत्या पारिवारिक त्रासदी पर हरिलाल ने नम आंखों से बताया कि वह बुधवार को पशु चराने बाहर गए थे। लौटे तो घर के बाहर भीड़ और चीख-पुकार मची थी। उन्होंने बताया, “पहले बेटे को कंधा दिया था, अब पोते और पोती को कंधा देना पड़ेगा। यह पता होता तो खुद ही अपनी जान ले लेता।”
मोहित कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद से घर लौटा था। उसके लौटने के कुछ ही दिन बाद यह दुखद घटना हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि सुप्रिया हमेशा अपने बाबा की सेवा में लगी रहती थी और मोहित भी घर के कामों में हाथ बंटाता था।
इस दुखद घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर फैला दी है। ग्रामीणों और रिश्तेदारों का कहना है कि यह घटना एक बहुत बड़ी चेतावनी है कि मानसिक दबाव और पारिवारिक संवाद की अनदेखी कितनी गंभीर हो सकती है।