“राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में 68वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। खेल को जीवन का अनुशासन और संघर्ष का पाठ बताते हुए पारदर्शी चयन प्रक्रिया पर जोर दिया।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में 68वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। 26 से 30 नवंबर तक चलने वाले इस आयोजन में 17 वर्ष तक की आयु के लगभग 3960 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
खेल का महत्व
राज्यपाल ने खेल को जीवन का अनमोल हिस्सा बताते हुए कहा कि यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा, “खेलते रहिए, खिलते रहिए, खेलेंगे तभी आगे बढ़ेंगे।” उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘खेलो इंडिया’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह युवाओं को खेल के प्रति जागरूक और प्रेरित कर रहा है।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया पर जोर
राज्यपाल ने खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और होनहार प्रतिभाओं को अवसर देने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिया कि चयन में किसी प्रकार का पक्षपात या अनियमितता नहीं होनी चाहिए।
संघर्ष और प्रेरणा का माध्यम
राज्यपाल ने कहा कि खेल जीवन को अनुशासन, आत्मनिर्भरता, और सतत प्रयास का संदेश देता है। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए आपसी संवाद और मेलजोल को जरूरी बताते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए सीखने और प्रेरित होने का मंच है।
प्रधानमंत्री की प्रेरणा
राज्यपाल ने गुजरात के खेल परिदृश्य का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से खेलों में गुजरात ने नई ऊंचाइयां छुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत एक सशक्त, शिक्षित और अनुशासित राष्ट्र बने, जिसे खेलों के माध्यम से साकार किया जा सकता है।
प्रतियोगिता का आयोजन
इस आयोजन में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग की सहभागिता है। इसमें पूरे देश से एथलीट्स आए हैं, जो न केवल अपनी प्रतिभा दिखाएंगे, बल्कि देश का मान भी बढ़ाएंगे।
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा मंत्री श्री संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर एम. बोबडे, और अन्य गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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मनोज शुक्ल