अयोध्या : योगी सरकार के द्वारा आयोजित आठवें दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार झारखंड से 150 आदिवासी घाटों पर दीप जलाने के लिए पहुंचेंगे, जो इस उत्सव को और भी खास बनाएंगे। अयोध्या में 2017 से दीपोत्सव की परंपरा शुरू हुई थी, और हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित होते रहे हैं।
दीपों का महाकुंभ: 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार 25 लाख दीयों को जलाने का ऐलान किया है। इसके लिए 28 लाख दीपों को सरयू नदी के तट पर सजाया जाएगा। इसके साथ ही, स्थानीय नागरिकों को भी इस उत्सव में शामिल किया जाएगा, जिसके लिए विशेष स्टेडियम जैसे चौड़े पलेटफार्म बनाए जा रहे हैं।
घाटों की संख्या बढ़ाई गई
दीपोत्सव के दौरान घाटों की संख्या 51 से बढ़ाकर 55 कर दी गई है। प्रमुख घाटों जैसे चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल को भी दीप जलाने के लिए शामिल किया गया है। इस बार 90 हजार लीटर सरसो का तेल और 40 लाख रुई की बाती का इस्तेमाल होगा।
स्वयंसेवकों की तैयारी
स्वयंसेवक 25 अक्टूबर से राम की पैड़ी के घाटों पर दीये बिछाने का कार्य शुरू कर देंगे। नोडल अधिकारी डॉ एसएस मिश्र ने बताया कि इस बार श्री राम को भव्य महल में विराजमान किया जाएगा, जिससे दीपोत्सव और भी भव्य बनेगा।
आधुनिक और सांस्कृतिक समागम
इस बार का दीपोत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक समागम भी होगा, जिसमें स्थानीय लोगों को शामिल किया जाएगा। यह आयोजन न केवल अयोध्या के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देने वाला होगा, जो एकता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
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इस साल का दीपोत्सव निश्चित ही एक यादगार अवसर बनने जा रहा है, जिसमें परंपरा, संस्कृति और आधुनिकता का संगम देखने को मिलेगा।