बहराइच: महराजगंज हिंसा में मारे गए युवक राम गोपाल मिश्र (22) का शव पोस्टमार्टम के बाद तड़के उसके घर पहुंचा। जैसे ही शव गांव पहुंचा, स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। हालांकि, महसी विधायक सुरेश्वर सिंह और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की समझाइश के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। प्रशासन की सक्रियता के चलते अंततः यह प्रक्रिया संपन्न हुई।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान धार्मिक स्थल के सामने डीजे बजाने पर समुदाय विशेष के लोगों ने राम गोपाल को अगवा कर गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया, जिसके परिणामस्वरूप आगजनी और पथराव की घटनाएँ हुईं।
शव घर पहुंचने पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। तहसीलदार जब अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे, तो लोगों ने उन्हें खदेड़ दिया, यह दर्शाते हुए कि उन्हें प्रशासन की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। गांव वालों ने आरोपियों के घरों को बुलडोजर से गिराने और दोषियों को फांसी देने की मांग की।
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अंततः, विधायक और सामाजिक संगठनों के लोगों ने परिवार के सदस्यों को समझा-बुझाकर अंतिम संस्कार करने के लिए राजी किया। इसके बाद, राम गोपाल का शव गांव के पास के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया, जहां सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। सभी की आंखों में आंसू थे और उन्होंने प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की।
घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, और रामगांव थाना प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा की आवश्यकता को बताया। इलाके में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वार्ता जारी थी।
बहराइच में हुई इस हिंसा ने क्षेत्र के लोगों को गहरे आघात पहुंचाया है। प्रशासन और स्थानीय नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, लेकिन लोगों की नाराजगी और न्याय की मांग अब भी जारी है। मृतक के अंतिम संस्कार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्थानीय समुदाय एकजुट होकर अपने अधिकारों और सुरक्षा की मांग करेगा।