“काशी, मथुरा, भोजशाला और संभल के मंदिर-मस्जिद विवाद पर याचिकाकर्ता हरि शंकर जैन ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘न एक मंदिर छोड़ेंगे, न एक इंच जमीन। ईश्वर के नाम पर लिया गया संकल्प कभी समझौते से नहीं टूटता।’ जानें पूरा मामला।”
काशी-मथुरा विवाद: काशी, मथुरा, भोजशाला और संभल में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने बड़ा बयान दिया है। जैन ने कहा कि जो भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई हैं, उन्हें फिर से मंदिर में परिवर्तित किया जाएगा।
जैन का बयान:
“न एक मंदिर छोड़ेंगे, न एक इंच जमीन, न कोई समझा पाएगा, न किसी की समझेंगे। ईश्वर के नाम पर लिया गया संकल्प कभी समझौते से नहीं टूटता।”
‘तीन दे दो’ मानसिकता पर हमला:
हरि शंकर जैन ने कहा कि ‘तीन दे दो’ (काशी, मथुरा और अयोध्या) वाली सोच गुलामी का प्रतीक है। उन्होंने इसे हिंदू समाज के स्वाभिमान और धर्म के खिलाफ बताया।
कानूनी पक्ष:
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर दावा है कि इसे तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान को श्रीकृष्ण जन्मभूमि का हिस्सा बताया जा रहा है।
भोजशाला विवाद: धार में भोजशाला के स्थान को मंदिर बताया गया है, जिसे मस्जिद में बदल दिया गया।
धार्मिक स्थलों पर आक्रामक रुख:
हरि शंकर जैन ने स्पष्ट किया कि इन विवादों में कोई समझौता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ईश्वर के नाम पर लिया गया संकल्प हिंदू धर्म और आस्था के लिए सर्वोपरि है।
हरि शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट में कई विवादास्पद मामलों में याचिकाकर्ता रहे हैं। उनके प्रयासों से हिंदू धार्मिक स्थलों पर दावा करने की प्रक्रिया को कानूनी आधार मिला है।
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विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल।