लखनऊ। प्रदेश में हजार और पांच सौ के नोटों प्रचलन बंद करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के 36 घंटे बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह ने इसे देश में आपात काल जैसे हालात पैदा करना करार दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो ‘मीसा’ लगाकर नेताओं को जेल में डाला था, लेकिन मोदी ने तो बिना जेल भेजे आम जनता को नजरबंद कर दिया है। उन्होंने कहाकि लगता है मोदी कुछ धनकुबेरों के हाथ देश को गिरवी रखना चाहते हैं।
पार्टी कार्यालय में गुरूवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुलायम ने कहा कि वह कालाधन के खिलाफ नहीं है। देश में सबसे पहले कालाधन के विरुद्ध समाजवादियों ने ही आवाज उठायी थी। उन्होंने कहाकि हम भी नहीं चाहते हैं कि कालाधन चुनाव में लगे।
हम यह भी चाहते हैं कि विदेश से कालाधन लाकर विकास में लगे। लेकिन जिस तरह से बड़े नोटों को बंद करने का ऐलान हुआ है, उससे देश में तनाव उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने कहा कि विदेश से कालाधन लाकर लोगों के खाते में जमा करने की बात कहकर मोदी सत्ता में आए थे, लेकिन ढाई साल में तीन-चार हजार ही ला पाए। इससे उनपर दबाव बन गया। इसीलिए दबाव में जल्दबाजी में घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि इससे गरीब आदमी पिस रहा है। सोने के दाम एक दिन में ही 30 हजार से बढ़कर 45 हजार हो गए। चांदी के दाम भी बढ़ गए।
उन्होंने कहा कि आज नोट जलाए जा रहे हैं। एक वृद्ध महिला की सदमे में मौत हो गई। यह बहुत दुखद स्थिति है। मोदी ने ऐलान करके कालाधन के नाम पर देश में अराजकता फैली दी है। जनता को आम जरूरत का सामान नहीं मिल पा रहा है।
अस्पतालों त्राहि-त्राहि मची है। भाजपा केवल चुनाव देख रही है। उसका गरीबों, महिलाओं, बेराजगारों से कोई लेना-देना नहीं। करोड़ों कन्याओं का विवाह होना है। नकदी की किल्लत से उनके पिता इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं।मुलायम ने कहा कि सबसे ज्यादा हालत किसान की खराब है। उसने जो फसल बेची है, उसका पैसा बेकार हो गया है।
रियल इस्टेट के कारोबार पर बुरा असर हुआ है, इससे बेकारी बढ़ेगी। व्यापार चौपट हो जाएगा। इससे कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका है।
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से मांग करते है कि इस फैसले को एक हफ्ते के लिए टाल दें। उसके बाद कोई छूट न दें। महिलाओं की समस्या समझें।
महिलाएं पाई-पाई जोड़कर बचत करतीं हैं। इसलिए महिलाओं को पांच लाख रुपए जमा करने की छूट दी जाए और उस पर उनसे कोई पूछताछ न की जाए। मोदी साहब के इस ऐलान से देश में अविश्वास का वातावरण बन गया है।
व्यापार विश्वास पर ही होता है, लेकिन अब नहीं होगा। सपा इस मामले को संसद में उठाएगी और इसके खिलाफ जनमत तैयार करेगी।