सुल्तानपुर: लंभुआ तहसील के जमकुरी ग्राम पंचायत में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जेदारी और चकबंदी प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी के मामले में लखनऊ बेंच के उच्च न्यायालय ने याची केशव प्रसाद पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इस निर्णय को नजीर बनाते हुए कोर्ट ने याची के द्वारा कोर्ट के समय को बर्बाद करने और तथ्य छुपाने की कड़ी आलोचना की है।
मामला क्या था?
याची केशव प्रसाद ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित प्रार्थना पत्र में चकबंदी के दौरान नियमों की अनदेखी और कोरोना काल में अभिलेखों में बदलाव का आरोप लगाया था। इसके चलते उसने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से हलफनामा तलब किया।
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अवैध कब्जे का खुलासा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामे में यह तथ्य प्रस्तुत किया कि याची ने लगभग 50 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया था और पुराने कागजात में हेरा फेरी की थी। इसके बाद उपसंचालक चकबंदी सुल्तानपुर के निर्देश पर याची के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें वह जेल भी जा चुका है और फिलहाल जमानत पर है। यह सभी तथ्य याची ने अपनी याचिका में छुपाए थे।
कोर्ट का आदेश
मामले में उत्तर प्रदेश सरकार का पक्ष डॉ कृष्णा सिंह स्टैंडिंग काउंसिल ने रखा। जिसपर न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने याची को जिला लीगल सर्विसेज अथॉरिटी लखनऊ में 50,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि स्टैंडिंग काउंसिल द्वारा ये तथ्य कोर्ट के सामने नहीं लाए जाते, तो याची सरकारी भूमि पर कब्जा करने में सफल हो सकता था।
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