“UP विधानसभा के शीतकालीन सत्र में संभल हिंसा और 46 साल पुराने मंदिर पर गरमा-गरम बहस। सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संभल में हुए अत्याचारों को उजागर किया।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संभल हिंसा और वहां हाल ही में खुले 46 साल पुराने मंदिर के मुद्दे पर विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“संभल में जो हुआ वह ऐतिहासिक अन्याय की एक कड़ी है। आज 46 साल बाद मंदिर को खोलने और कुओं की खुदाई के दौरान जो खंडित मूर्तियां मिली हैं, वे इस बात का प्रमाण हैं कि संभल ने सदियों तक अत्याचार सहा है।”
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी के बयान का समर्थन करते हुए कहा,
“मुख्यमंत्री ने तथ्यों के आधार पर सच्चाई रखी है। यह मंदिर 46 सालों तक बंद था। अब प्रशासन ने इसे खोलने का कार्य किया है। वहां मिली खंडित मूर्तियां हमें इतिहास के जख्मों की याद दिलाती हैं।”
संभल में मंदिर और खुदाई का महत्व
संभल में 46 साल पुराने इस मंदिर को प्रशासन द्वारा हाल ही में जनता के लिए खोला गया है। इसके साथ ही वहां की गई खुदाई में कई खंडित मूर्तियां और प्राचीन अवशेष मिले हैं। यह खोज इतिहास में उस समय की दर्दनाक सच्चाई को उजागर करती है, जब मंदिरों और हिंदू आस्थाओं पर प्रहार हुआ था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मुद्दे पर विपक्ष ने राज्य सरकार पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया। लेकिन सीएम योगी और डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा केवल सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा से जुड़ा है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल