एटा। भारतीय जनता पार्टी के सांसद तथा परिवर्तन यात्राओं के प्रदेश सह प्रभारी रमेश बिधूड़ी ने एक सपा मंत्री पर आरोपों लगाते हुए कहा कि बीजेपी नहीं, भारतमाता को डायन कहनेवाले प्रदेश में दंगा कराते हैं।
सांसद बिधूड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लखनऊ रैली की तैयारियों के लिए होने वाली बैठक में भाग ले रहे थे। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा किसी परिवार या व्यक्ति की पार्टी नहीं, एक लोकतांत्रिक दल है जो एक विचारधारा पर आधारित है।
जो पारिवारिक दल के हैं उन्हें भले ही लगे पर भाजपा में फैसले लोकतांत्रिक आधार पर होते हैं तथा समय आने पर होंगे भी। जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रश्न है- वे देश के प्रधानमंत्री हैं, पार्टी और हमारे नेता हैं। ऐसे में कम से कम उन्हें तो इस विषय पर कुछ कहने का अधिकार नहीं है जो परिवार की पार्टियां चलाकर वहां भी चाचा-भतीजे आदि के झगड़े करते हैं।
सपाइयों द्वारा सपा सरकार के कार्यकाल में हुए साम्प्रदायिक दंगों के लिए भारतीय जनता पार्टी व बसपा पर आरोप लगाए जाने पर तल्ख पलटबार करते हुए बिधूड़ी का कहना था कि कुछ प्रकृति व प्रवृति ही ऐसी बन गयी है कि कुछ भी हो भाजपा व पीएम को जिम्मेवार ठहराओ। दिल्ली का मुख्यमंत्री तो कुछ हो न हो, प्रधानमंत्री को जिम्मेवार ठहराता रहता है। यही प्रवृति इन्होंने भी सीख ली है।
अन्यथा बताए कि अगर भाजपा ने दंगे कराए हैं तो इसके सबूत क्या हैं? कितने भाजपा कार्यकर्ता दोषी पाए गये हैं। भाजपा नेता ने तल्खीभरे शब्दों में आरोप लगाया कि दंगे भारत माता को डायन कहने वालों तथा अपने राजनीतिक तुष्टीकरण के लिए उन्हें संरक्षण देने वालों द्वारा गलत बातें फैलाकर कराए जाते हैं।
उत्तराखंड सरकार द्वारा मुसलमानों को शुक्रवार की नवाज के लिए दी गयी 90 मिनट की छूट पर सांसद विधूड़ी की प्रतिक्रिया थी कि इसी तुष्टीकरण की राजनीति के चलते देश बर्बाद हुआ है। 70 वर्ष बीत जाने पर भी गरीब आदमी के अधिकारों की चिन्ता न कर तथा देश की प्रगति की चिन्ता न कर जब चंद लोगों को इकट्ठा कर बोटबैंक की राजनीति की जाती है तो ऐसे ही निर्णय लिए जाते हैं।
सरकार की नोटबंदी का 2017 के चुनावों में भाजपा पर पड़नेवाले प्रभाव पर भाजपा नेता का कहना था कि भाजपा की रैलियों में लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं अहसास कराती हैं कि वे भी सरकार के निर्णय को सही मानते हैं। वैसे जनता को लाइन में लगने आदि की हो रही समस्याएं भी महज 2 हफ्ते की और हैं। इसके बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी।
समाजवादी पार्टी के कांग्रेस से चुनावी समझौते की चर्चाओं पर सांसद का कहना था कि इसका सीधा सा अर्थ है कि सपा ने अपनी पराजय स्वीकार ली है। अब वे चाहें तो बसपा को भी इस समझौते में शामिल कर लें। भाजपा तब भी 300 से अधिक सीटें जीतेगी।