वाराणसी। विजयादशमी के पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में पहली बार शैव शस्त्रों की विधि विधान से पूजा की गई। इस पूजा का आयोजन मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण की अगुवाई में किया गया। शस्त्रों की पूजा के बाद उपस्थित भक्तों ने भगवान महादेव से भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर विश्व भूषण ने बताया कि विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम के रावण वध के इस पर्व का महत्व शस्त्रों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है। उन्होंने कहा कि शस्त्र पूजन के माध्यम से हम धर्म, सुरक्षा और सद्भावना के लिए प्रेरणा लेते हैं।इस आयोजन ने सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के साथ-साथ समाज में एकता और जागरूकता का संदेश भी दिया। विजयादशमी का पर्व सभी को सच्चाई, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
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