“लखनऊ के रहमानखेड़ा क्षेत्र में बाघ दूसरी बार ट्रैप कैमरे में कैद हुआ। वन विभाग की टीम ने दुधवा से प्रशिक्षित हथिनियां बुलाने का निर्णय लिया। बाघ की गतिविधियों पर पैनी नजर।”
लखनऊ। रहमानखेड़ा क्षेत्र में बाघ की गतिविधियां तेज हो गई हैं। सोमवार सुबह ट्रैप कैमरे में बाघ की दूसरी बार तस्वीर कैद हुई। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के आसपास उसके पगचिह्न मिले हैं। वन विभाग ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और दुधवा नेशनल पार्क से प्रशिक्षित हथिनियों को बुलाने की तैयारी कर ली है।
29 दिनों से संस्थान में बाघ का मूवमेंट:
वन विभाग के मुताबिक, बाघ पिछले 29 दिनों से केंद्रीय बागवानी संस्थान में अपना ठिकाना बनाए हुए है। टीम ने चौथे ब्लॉक में मचान बनाने की योजना बनाई है ताकि बाघ को ट्रैक और ट्रैंकुलाइज करना आसान हो।
दुधवा से आएंगी प्रशिक्षित हथिनियां:
वन विभाग ने दुधवा नेशनल पार्क से दो प्रशिक्षित हथिनियां मंगाने का अनुरोध किया है। ये हथिनियां बाघ को ट्रैंकुलाइज और पकड़ने में विशेषज्ञ हैं। वे 2 जनवरी तक लखनऊ पहुंच जाएंगी।
NTCA की गाइडलाइंस से देरी:
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) की गाइडलाइंस के कारण रेस्क्यू में देरी हो रही है। अंधेरे में बाघ को ट्रैंकुलाइज करना मना है। शनिवार रात बाघ ने एक गाय का शिकार किया था और तीन घंटे तक वहीं मौजूद रहा, लेकिन गाइडलाइंस के कारण टीम कुछ नहीं कर पाई।
सुरक्षा और निगरानी:
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इलाके का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। बाघ की मूवमेंट पर नजर रखने और गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल