“ईडी ने लखनऊ स्मारक घोटाले की जांच के सिलसिले में वाराणसी से भाजपा विधायक त्रिभुवन राम को दूसरा समन भेजा। पिछली बार वीआईपी मूवमेंट का हवाला देते हुए वे जांच में शामिल नहीं हुए थे। जानें पूरा मामला”
लखनऊ /वाराणसी। लखनऊ के बहुचर्चित स्मारक घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाराणसी के अजगर सीट से भाजपा विधायक त्रिभुवन राम को दोबारा समन भेजने की तैयारी की है। इससे पहले पिछले महीने ईडी ने उन्हें नोटिस भेजा था, लेकिन विधायक त्रिभुवन राम ने वाराणसी में वीआईपी मूवमेंट का हवाला देते हुए पेश होने में असमर्थता जताई थी।
जानकारी के अनुसार, स्मारक घोटाले के समय त्रिभुवन राम उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में प्रमुख अभियंता थे। इस घोटाले में पहले से ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष हरभजन सिंह, तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास और सेवानिवृत्त आईएएस महेंद्र सिंह, पूर्व खनन निदेशक रामबोध मौर्य सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों से ईडी पूछताछ कर चुकी है।
स्मारक घोटाले की गंभीरता
स्मारक घोटाला उत्तर प्रदेश का एक बड़ा वित्तीय घोटाला है जिसमें सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। इस मामले में संबंधित विभागों और अधिकारियों के कार्यों की बारीकी से जांच की जा रही है।
विधायक का बचाव
त्रिभुवन राम ने पिछले समन का जवाब देते हुए वाराणसी में वीआईपी मूवमेंट का हवाला दिया था, जिससे वे पेश नहीं हो सके। हालांकि, ईडी द्वारा दोबारा समन भेजे जाने के बाद यह देखा जाएगा कि वे जांच में सहयोग करते हैं या नहीं।
आरोपों का दायरा
ईडी के अनुसार, स्मारक निर्माण के दौरान नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था। इस मामले में प्रमुख अभियंता के पद पर रहते हुए त्रिभुवन राम की भूमिका की जांच की जा रही है।
अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ
इस मामले में ईडी पहले ही कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि इस घोटाले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख तथ्य:
1. स्मारक घोटाले का संक्षिप्त परिचय
लखनऊ का स्मारक घोटाला उत्तर प्रदेश के इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जाता है, जिसमें भारी मात्रा में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
2. ईडी की दोबारा समन की प्रक्रिया
वाराणसी के भाजपा विधायक त्रिभुवन राम को पहले भी ईडी ने समन भेजा था, लेकिन उन्होंने वीआईपी मूवमेंट का हवाला देकर पेश होने में असमर्थता जताई थी। अब ईडी दोबारा समन जारी कर रही है।
3. त्रिभुवन राम की जांच के पीछे कारण
स्मारक घोटाले के समय त्रिभुवन राम लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता थे। इसलिए, ईडी उनके उस समय की भूमिका की जांच कर रही है कि क्या उनका इस घोटाले में कोई संलिप्तता थी।
4. एलडीए के पूर्व अधिकारी भी शामिल
ईडी इस मामले में पहले से ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष हरभजन सिंह, तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास महेंद्र सिंह और खनन निदेशक रामबोध मौर्य से पूछताछ कर चुकी है।
5. भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई
सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल
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