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Microsoft is focusing on a new approach called structured retrieval augmentation, where an agent extracts short bits of each turn in a conversation with a user

माइक्रोसॉफ्ट चाहती है कि एआई असिस्टेंट्स मिलकर काम करें और बातें याद रखें

माइक्रोसॉफ्ट एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर रहा है जहाँ अलग-अलग कंपनियों के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एजेंट्स आपस में आसानी से मिलकर काम कर सकें और उन्हें पहले हुई बातचीत या कार्यों की बेहतर याद हो।

माइक्रोसॉफ्ट के चीफ़ टेक्नोलॉजी ऑफिसर केविन स्कॉट ने ‘Build 2025’ डेवलपर कॉन्फ्रेंस से पहले बताया कि कंपनी इस दिशा में काम कर रही है कि कैसे AI एजेंट्स को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए एक आम तकनीकी मानक (Standard) अपनाया जा सके। ये एजेंट्स ऐसे डिजिटल असिस्टेंट होते हैं जो कोई सॉफ्टवेयर बग ठीक करना या मीटिंग शेड्यूल करना जैसे काम खुद ही कर सकते हैं।

इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट एक तकनीक को समर्थन दे रहा है जिसका नाम है Model Context Protocol (MCP)। यह ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल Google समर्थित कंपनी Anthropic ने विकसित किया है। MCP की मदद से ऐसा “एजेंटिक वेब” तैयार किया जा सकता है जैसा 1990 के दशक में इंटरनेट के लिए हुआ था, जिससे कई सिस्टम आपस में जुड़ सकें।

स्कॉट का कहना है कि आज की तारीख में ज्यादातर AI असिस्टेंट्स का व्यवहार बहुत “ट्रांज़ैक्शनल” यानी केवल आदेश पर काम करने जैसा है। लेकिन माइक्रोसॉफ्ट अब कोशिश कर रहा है कि ये एजेंट्स इंसानों की तरह बातों को याद रखें और पहले की बातचीत का भी इस्तेमाल कर सकें।

इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट एक नई पद्धति पर काम कर रहा है जिसका नाम है Structured Retrieval Augmentation। इसमें हर बातचीत की जरूरी बातें छोटे-छोटे अंशों में सेव होती हैं, जिससे एजेंट को एक ‘रोडमैप’ मिल जाता है कि पहले क्या-क्या बातचीत हुई थी।

स्कॉट ने इसे समझाते हुए कहा, “हमारा दिमाग भी यूं ही काम करता है — हर बार सब कुछ याद रखने की बजाय हम ज़रूरी बातों को संरचित तरीके से सहेजते हैं।”

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