नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि वर्तमान में प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं।
विश्व में दस में से आठ आपदाएं एशिया में आती हैं जिसके चलते दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या की इन आपदाओं की चपेट में आने की संभावना अत्यधिक प्रबल हो जाती हैं।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर गुरुवार को यहां एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) के उद्घाटन समारोह में श्री सिंह ने कहा, आपदाओं से दृढ़तापूर्वक निपटना समाज के हर वर्ग की सामूहिक जिम्मेदारी हैं और इस दिशा में मिलजुल कर किया गया प्रयास किसी भी व्यक्तिगत प्रयासों से ज़्यादा प्रभावशील होगा।
उन्होंने कहा कि आपदाएं हमारी अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं और विकास के लिए किए गए हमारे प्रयासों के लिए एक झटका हैं। श्री सिंह ने कहा, आपदाओं के वक़्त किसी भी परिवार को घर और आजीविका दोनों के नुकसान का एक साथ सामना करना पड़ता हैं।
मानव निर्मित आपदाओ की आशंका को कम से कम करने के लिए राज्य और उसके नागरिकों के बीच अगर कोई जुड़ाव बने तो यह प्रशंसनीय है और इसका स्वागत हैं”।
गृहमंत्री ने कहा, सभी जानते हैं कि आपदा जोखिम किसी राजनीतिक सीमाओं को नहीं पहचानता। एक क्षेत्र में आईं आपदाएं अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित कर सकती हैं। भारत आपदा शमन और प्रबंधन के प्रयासों में समर्थन के लिए हमेशा अपने पडोसी देशों के साथ हैं। हम जरूरत के समय में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।