दिल्ली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मदरसों की फंडिंग बंद करने का अनुरोध किया है।
प्रियंक कानूनगो ने पत्र में कहा है कि मदरसों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी फंडिंग का पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कुछ मदरसों में बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे उनके भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
कानूनगो ने यह भी कहा कि फंडिंग का उद्देश्य बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है, लेकिन यदि यह सुनिश्चित नहीं हो रहा है, तो इसे पुनः विचारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी राज्यों से अपील की है कि वे इस मामले में गंभीरता से विचार करें और आवश्यक कदम उठाएं।
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यह पत्र ऐसे समय में आया है जब देश भर में शिक्षा प्रणाली और मदरसों की भूमिका को लेकर चर्चा हो रही है। NCPCR का यह कदम शिक्षा के अधिकार की रक्षा करने और बच्चों के हितों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
राज्यों के मुख्य सचिवों को इस पत्र का गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा की जा सके।
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