नई दिल्ली। नोटबंदी की वजह से आर्थिक नरमी को सुनी सुनाई बातों पर आधारित बताते हुये वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि दिसंबर माह में अप्रत्यक्ष कर प्राप्ति 14.2 प्रतिशत बढी है और इसमें भी उत्पाद शुल्क वृद्धि काफी अच्छी रही है जो कि मुख्य तौर पर विनिर्माण गतिविधियों में तेजी को परिलक्षित करता है।
नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी के बीच दिसंबर 2016 में उत्पाद शुल्क वसूली 31.6 प्रतिशत बढी है जबकि सेवाकर में 12.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। सीमा शुल्क संग्रह इस दौरान हालांकि 6.3 प्रतिशत कम हुआ है, सोने का आयात घटने की वजह से इसमें गिरावट आई है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में अप्रत्यक्ष कर प्राप्ति 25 प्रतिशत बढकर 6.30 लाख करोड रपये हो गई। यह राशि पूरे साल के लिये लगाये गये बजट अनुमान का 81 प्रतिशत है। प्रत्यक्ष कर वसूली भी इस दौरान 12।01 प्रतिशत बढकर 5.53 लाख करोड रपये रही जो कि बजट अनुमान का 65 प्रतिशत है।
सरकार ने गत आठ नवंबर को अचानक 500 और 1,000 रपये के पुराने नोट चलन से वापस लेने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद आर्थिक गतिविधियों में नरमी आने को लेकर चिंता व्यक्त जाने लगी थी।
जेटली ने कहा कि दिसंबर में समाप्त नौ महीने की अवधि में उत्पाद शुल्क प्राप्ति में 43 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि दर्ज की गई है। उत्पाद शुल्क बढने से विनिर्माण गतिविधियां बढने का संकेत मिलता है।