नई दिल्ली। नोटबंदी से नाराज विपक्ष ने भारत बंद का आह्वान किया। विभिन्न राज्यों में इसका असर देखने को मिला। कई पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत बंदी पर सवाल उठाए जाने पर कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि उसने ‘भारत बंद’ का आह्वान नहीं किया है लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर पूरे देश में उसका विरोध प्रदर्शन जारी है।
विपक्षी पार्टी इसे आक्रोश दिवस के रूप मना रहे हैं। अलग-अलग राज्यों में भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है।
दिल्ली में मजदूर संगठन बंद का समर्थन किया। संगठनों की चली तो आज राजधानी में बस, टैक्सी और ऑटो की दिक्कतें हो सकती है। नोटबंदी के विरोध में विपक्ष के भारत बंद में मजदूर यूनियन भी शामिल हैं।
केवल बीजेपी से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ इस बंद के खिलाफ़ है। आज दिल्ली में डीटीसी बसें और आटो रिक्शा नहीं चलेंगे। ओला-उबर जैसी ऐप आधारित कंपनियों की टैक्सी चलेंगी। काली-पीली टैक्सी नहीं चलेंगी।
भारत बंद को लेकर कोलकाता में सीपीआई और सीपीएम के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने भाग लिया। सामान्य जनजीवन पर कोई खास असर नहीं दिखा।
सड़कों पर सरकारी बसें और अन्य निजी वाहन उतरे। हालांकि जिलों से छिटपुट घटनाओं की खबर है।’’ कोलकाता पुलिस के अलावा आयुक्त सुप्रतिम सरकार ने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए पुलिस बलों को तैनात किया गया। महानगर में लगभग 3,000 पुलिसकर्मियों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है।
बिहार में भी आज भारत बंद का कोई खास असर नहीं दिखा। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और इनकी पार्टी जेडीयू नोटबंदी पर पीएम मोदी के साथ खड़े हैं, हालांकि लालू की पार्टी आरजेडी को लेकर सस्सेंस बना हुआ है।
सड़कों पर भी वाहन आम दिनों की आवागमन जारी हैं।राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूल, बैंकों तथा सरकारी दफ्तर खुले हुए हैं। वामपंथी दलों के समर्थकों ने डाकबंगला चौराहा से जुलूस निकाला।
केन्द्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की। कांग्रेस के कार्यकर्त्ताओं ने भी राजधानी पटना में आक्रोश मार्च निकाला। डाकबंगला चौराहा पहुंचकर वहां नारेबाजी की। वामदलों के प्रभाव वाले जिलों में नोटबंदी के खिलाफ कार्यकर्त्ताओं ने कुछ स्थानों पर ट्रेन और सड़क यातायात को रोकने का प्रयास किया।
समूचे राजस्थान में भारत बंद पूरी तरह असफल रहा। शहर के बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान सामान्य तौर पर खुले दिखे। जयपुर में बाजार सामान्य दिनों की तरह खुले तथा आम दिनों की तरह ही सड़कों पर आवागमन जारी है। शहर में कहीं पर भी भारत बंद समर्थकों को दुकानें और व्यवसाय बंद कराते नहीं देखा गया।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर और कुछ कार्यकर्त्ताओं को जन आक्रोश रैली के दौरान हिरासत में लिए।
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के हड़ताल के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ वाम दलों की अगुवाई में यहां हड़ताल का लोगों के जनजीवन पर व्यापक असर दिखाई पड़ा रहा है ।
रेलवे समेत यातायात व्यवस्था और व्यवसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद है। त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत देश के अधिकतर शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। हड़ताल का असर सचिवालय समेत अधिकतर सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा। कार्यालयों में भी जन आक्रोश दिवस का असर देखने को मिल रहा। हड़ताल का असर अगरतला में भी देखने को मिला।
अस्पताल,बैंको और डाकघरों में कामकाज पर बुरा असर पड़ा है। वाम दलों ने राज्य में हड़ताल के पक्ष में, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने नोटबंदी के पक्ष में प्रचार किया है।
केरल में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने बंद का आह्वान किया है। सुबह छह बजे शुरू हुए बंद के शुरुआत में कुछ स्थानों पर ऑटोरिक्शा चलते हुए दिखाई दिए। लोगों को सफर में कुछ राहत मिली।
मरीजों और रेलवे यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए पुलिस वाहनों का इस्तेमाल किए जा रहे हैं। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम और निजी बसें सड़कों पर नहीं दिखी।