ऑपरेशन सिंदूर के बाद लखनऊ में जश्न का नज़ारा बिल्कुल किसी विजय पर्व जैसा था। देश की सेना द्वारा की गई साहसी कार्रवाई के बाद न सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्रों में सन्नाटा है, बल्कि देश के कई हिस्सों में नागरिक खुलेआम खुशी का इज़हार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐसा ही एक दृश्य मंगलवार को देखने को मिला।
लखनऊ के प्रसिद्ध 1090 चौराहे पर विश्व हिंदू रक्षा परिषद के कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडा और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर जश्न मनाया। ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के गगनभेदी नारों से आसमान गूंज उठा। लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते हुए आतिशबाजी की और मिठाइयाँ बांटीं।
कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर कहा,
“भारतीय सेना ने जो किया है, वो हर देशवासी का सपना था। हम उनके इस पराक्रम को सलाम करते हैं।”
उनका मानना है कि लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ जिस निर्णायक जवाब की प्रतीक्षा थी, ऑपरेशन सिंदूर ने उसे साकार कर दिया।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद लखनऊ में जश्न केवल एक प्रतीकात्मक उत्सव नहीं है, बल्कि यह जनता के मन में वर्षों से संचित आक्रोश और भावना का विस्फोट है। लोगों का कहना है कि सेना ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि उन शक्तियों को भी सख्त संदेश दे दिया जो भारत की अखंडता को चुनौती देती थीं।
कार्यक्रम में शामिल एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“आज गर्व से सीना चौड़ा हो गया है, हमारे जवानों ने फिर साबित कर दिया कि वो सिर्फ सीमा पर नहीं, दुश्मन के घर में घुसकर जवाब देने में सक्षम हैं।”
उत्सव के दौरान लोगों ने भारतीय सेना के लिए “जय जवान” के नारे भी लगाए और दीप जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के संयोजक ने कहा कि यह जश्न उस भारत का संकेत है जो अब आतंकी हमलों का इंतज़ार नहीं करता, बल्कि समय रहते कार्रवाई करता है।
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लखनऊ पुलिस की ओर से सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। चौराहे पर ट्रैफिक को कुछ समय के लिए डायवर्ट किया गया, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
विशेषज्ञों के अनुसार, देशभर में ऐसे जश्न दर्शाते हैं कि अब भारतवासी सिर्फ सहन करने वाले नहीं रहे, बल्कि वे निर्णायक कार्रवाई की उम्मीद रखते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लखनऊ में जश्न यह भी दिखाता है कि अब केवल सरकार या सेना ही नहीं, पूरा देश एकजुट होकर हर प्रकार की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का जवाब देना चाहता है।
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