ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अज़हर और उसके परिवार को झटका देने के बाद अब भारत-पाक सीमा पर हालात तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। भारत द्वारा की गई इस निर्णायक कार्रवाई के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं। इसी क्रम में पाकिस्तान सीमा से सटे कई राज्यों के जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जम्मू, श्रीनगर, लेह, अमृतसर, जोधपुर, भुज, चंडीगढ़, राजकोट और जामनगर के हवाई अड्डे 10 मई सुबह तक के लिए पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस फैसले को “सावधानी भरा और रणनीतिक” बताया गया है। एयरस्पेस क्लोजर को देखते हुए यह संकेत मिल रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर का अगला चरण अभी बाकी है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली पोस्ट किया:
“अभी पिक्चर बाकी है…”
यह वाक्य ही यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि भारत अब अपने पुराने रक्षात्मक रवैये से बाहर निकल चुका है और आक्रामक रुख अपना चुका है।
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दूसरी ओर, ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अज़हर के 14 परिजनों के मारे जाने की पुष्टि के बाद जैश-ए-मोहम्मद के भीतर हलचल तेज हो गई है। अज़हर ने कथित तौर पर कहा, “मैं भी मर जाता तो अच्छा होता।” यह बयान दर्शाता है कि आतंकी संगठन के मनोबल पर कितना गहरा असर पड़ा है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने भारतीय सेना की खुलकर प्रशंसा करते हुए कहा:
“भारतीय सेना को सलाम करना चाहिए, भारत ने जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सरकार पाकिस्तान को मजबूती से जवाब दे रही है।”
यह बयान भारतीय राजनैतिक परिदृश्य में भी एकता का संकेत देता है, जहां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा प्राथमिकता बन गई है।
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इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा बल सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा रहे हैं। राजस्थान, पंजाब, गुजरात और जम्मू-कश्मीर में कई संवेदनशील गांवों को खाली कराया जा चुका है। BSF और सेना की तैनाती दोगुनी कर दी गई है, और संभावित रेस्पॉन्स या रिटैलिएशन के लिए सैन्य एयरबेस पूरी तरह तैयार हैं।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की इस कार्रवाई की गूंज सुनाई दे रही है। कई देश भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान की स्थिति अत्यंत असहज बनी हुई है।
ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अज़हर और जैश के खिलाफ यह सबसे कठोर और निर्णायक कार्रवाई मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इस रणनीति को जारी रखता है, तो यह सीमा पार आतंकवाद पर एक स्थायी असर डालेगा।
भारत अब एक निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां जवाबी कार्रवाई सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के उस नए युग की शुरुआत है, जिसमें आतंकवाद के हर स्वरूप का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।