प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभा स्थल की उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ झूंसी के अंदावा में भूमि पूजन किया। पीएम मोदी सोलह दिसंबर को आएंगे। वह लगभग साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपये के कुंभ के स्थायी कार्यों का लोकार्पण करेंगे। ऐसे में उद्योगों को प्रधानमंत्री से संजीवनी की दरकार रहेगी। उल्लेखनीय है कि 1980 के दशक तक संगमनगरी की पहचान नैनी औद्योगिक क्षेत्र से भी थी। यहां सैकड़ों लोग काम करते थे। इसके बाद एक-एक करके कई फैक्ट्रियां बंद होने से औद्योगिक क्षेत्र का गौरव कम हो गया।
सरकार ने एचसीएल के लिए दी थी धनराशि
2014 में मोदी सरकार बनाने के बाद केंद्र ने बीपीसीएल और हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) के लिए पैसा दिया। एचसीएल की देनदारी को खत्म करके हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसे टेकओवर कर लिया। उसके बाद एचसीएल का नाम नैनी एयरो स्पेस हो गया। अव वहां पर लूम्स और धु्रव हेलीकॉप्टर के पाट्र्स बन रहे हैं। नैनी औद्योगिक क्षेत्र की बंद पड़ी एक इकाई तो चल चुकी है लेकिन कई और इकाइयों को संजीवनी की दरकार है। लखनऊ में यूपी इंवेस्ट्र्स समिट-2018 होने के बाद शंकरगढ़ में दो सीमेंट कंपनियां इकाई खोल रही हैं, लेकिन वहां पर सालों से रिफाइनरी खोलने की योजना ठंडे बस्ते में पड़ हुई है। अगर यहां कोई नई इकाई खुल जाए तो युवाओं को रोजगार मिल जाएगा। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में कोई बड़ी इकाई नहीं लगने के कारण इसका विकास नहीं हो पा रहा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
रिलायंस की बंद पड़ी इकाई चलाने का प्रयास
उद्यमी कहते हैं कि जब तक प्रयागराज में कोई बड़ी फैक्ट्री नहीं लगेगी तब तक यहां पर औद्योगिक विकास संभव नहीं है। जब नैनी का नाम था, तब बड़ी इकाइयों के सहारे 100 से अधिक इकाइयां चल रही थीं। बड़ी इकाइयों के बंद होने पर धीरे-धीरे छोटी इकाइयां खत्म हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्योगों को बड़ी उम्मीद है। नैनी औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी रिलायंस की इकाई को दोबारा चलाने के लिए प्रयास हो रहा है। केंद्र सरकार अगर बीपीसीएल और आइटीआइ के लिए गंभीरता से सोचें तो नैनी औद्योगिक क्षेत्र का खोया हुआ गौरव फिर हासिल हो सकता है। औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए चैंबर लगातार आवाज उठा रहा है।