“दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वैश्विक सहकारी सम्मेलन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। पीएम ने सहकारिता के आर्थिक और सामाजिक महत्व को रेखांकित किया। जानें सम्मेलन की मुख्य बातें।”
नई दिल्ली। दिल्ली के भारत मंडपम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने सहकारिता की ऐतिहासिक और समकालीन भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में सहकारिता ने न केवल आर्थिक सशक्तिकरण किया, बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की अवधारणा को याद करते हुए कहा कि सहकारिता के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को नई ऊर्जा मिली। उन्होंने यह भी कहा कि खादी और ग्रामोद्योग, जो गांधी जी के स्वप्नों का हिस्सा थे, आज सहकारिता की मदद से बड़े-बड़े ब्रांड्स को पीछे छोड़ रहे हैं।
सम्मेलन में दुनिया भर से सहकारी संगठनों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य सहकारिता को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना और इसे विकास की मुख्यधारा में शामिल करना है। पीएम मोदी ने सहकारिता को आत्मनिर्भर भारत की नींव बताते हुए कहा कि यह सामूहिक विकास और आर्थिक स्थिरता का सबसे प्रभावी मॉडल है।
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मनोज शुक्ल