लखनऊ। राजधानी में शनिवार सुबह सियासी हलचल उस समय तेज हो गई, जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के घरों के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई।
सपा के डेलिगेशन को संभल जाना था, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने उनके घरों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी।
पुलिस तैनाती और प्रतिबंध का कारण
माता प्रसाद पांडेय के वृंदावन योजना स्थित आवास और लाल बिहारी यादव के डालीबाग स्थित घर के बाहर शुक्रवार रात से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी। पुलिस ने उन्हें संभल के जिलाधिकारी (डीएम) का पत्र सौंपा, जिसमें 10 दिसंबर तक संभल में प्रवेश निषेध का जिक्र है।

डीएम द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 30 नवंबर तक संभल जिले की सीमा में बिना अनुमति के किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि का प्रवेश प्रतिबंधित है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
माता प्रसाद पांडेय ने सरकार की इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा, “हमें कोई लिखित नोटिस नहीं दिया गया, बस पुलिस घर के बाहर लगा दी। अन्य सभी लोग जा रहे हैं, लेकिन हमारे जाने से अशांति कैसे होगी? यह सरकार अपने कार्यों पर पर्दा डालने के लिए ऐसा कर रही है।”
लाल बिहारी यादव ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सपा के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।
सपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी
सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस तैनात कर दी गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे सरकार की दमनकारी नीति बताते हुए विरोध दर्ज कराया।
क्या यह कदम सरकार की सुरक्षा नीति का हिस्सा है, या फिर विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास? यह सियासी खेल आने वाले दिनों में और गरमा सकता है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal