लखनऊ । योगी सरकार लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज (श्रीअन्न) पर खास जोर दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों मालामाल भी कर रही है।
खरीफ के सीजन में योगी सरकार ने ज्वार की खेती करने वाले किसानों से अब तक लक्ष्य (20 हजार मीट्रिक टन) से अधिक 28,631 मीट्रिक टन ज्वार की खरीदारी कर चुकी है। सरकार प्रदेश में श्रीअन्न की खरीदारी 31 दिसंबर तक करेगी।
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में योगी सरकार धान और मोटे अनाजों (श्रीअन्न) की खरीद निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित कर रही है। मोटे अनाजों के अंतर्गत बाजरा और ज्वार की खरीद जारी है।
योगी सरकार प्रदेश के चिन्हित विभिन्न जिलों में बाजरा के लिए 306 और ज्वार के लिए 79 क्रय केंद्रों की स्थापना की है, जहां पर किसान आसानी से अपनी फसल सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर बेच रह हैं।
आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार अब तक 13,617 किसानों से 73,246 मीट्रिक टन बाजरा और 6,335 किसानों से 29773 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद कर चुकी है।
इसके लिए सरकार किसानों को 200 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर चुकी है। वहीं धान की खरीद के लिए योगी सरकार ने प्रदेश में 4,323 क्रय केंद्र स्थापित किए हैं। जहां पर 3,27,915 किसानों से 23 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हुई हो चुकी है।
क्रय केंद्रों पर उचित सुविधाएं सुनिश्चित कर रही योगी सरकार
इसके लिए सभी क्रय केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक नियमित रूप से खुले रहे हैं। किसानों को केंद्रों पर बैठने, पानी, छाया, और धान सुखाने की उचित व्यवस्था भी की गई है। किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, जो पंजीकृत किसानों को जीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में दिया जा रहा है।
31 दिसंबर तक श्रीअन्न की खरीद करेगी योगी सरकार
प्रदेश में मोटे अनाज को बढ़ावा दे रही सरकार ने मक्का, बाजरा व ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिया है। मोटे अनाज क्रय नीति का निर्धारण करते हुए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा का 2625 रुपये, ज्वार (हाइब्रिड) का 3371 व ज्वार (मालदांडी) का 3421 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए 2.20 लाख टन बाजरा, 15 हजार टन मक्का और 20 हजार टन ज्वार खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मोटे अनाज की खरीद 31 दिसंबर तक होगी।