रायबरेली:
रायबरेली-बांडा टांडा फोरलेन परियोजना को लेकर एक बड़ी पहल सामने आई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली सांसद राहुल गांधी की सक्रियता से इस परियोजना का रास्ता साफ हो गया है। अब यह महत्वपूर्ण मार्ग फोरलेन में तब्दील होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस 145 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन 7000 से अधिक भारी वाहन चलते हैं, जिससे यातायात का दबाव और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मौजूदा टू-लेन सड़क के कारण लोगों को यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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परियोजना के तहत, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के लिए एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। डीपीआर बनने के बाद निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत होगी।
सूत्रों के अनुसार, इस फोरलेन परियोजना में दो रेलवे ओवरब्रिज और गंगा व यमुना नदी पर दो नए पुलों का भी निर्माण प्रस्तावित है। इससे न केवल आवागमन में तेजी आएगी, बल्कि सड़क हादसों में भी कमी आने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि 1 मार्च 2024 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रायबरेली में इस फोरलेन प्रोजेक्ट की घोषणा की थी, लेकिन इसके अमल में देरी हो रही थी। हाल ही में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में राहुल गांधी की अध्यक्षता में इस मुद्दे को दोबारा उठाया गया, जिसमें सांसद किशोरी लाल शर्मा ने भी इसे प्रमुखता से रखा।

अब इस परियोजना पर ठोस कार्रवाई शुरू हो चुकी है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक एनबी सिंह के अनुसार, रायबरेली से टांडा तक के खंड को भी फोरलेन में बदलने की स्वीकृति मिल चुकी है और इसका सर्वे कार्य भी शुरू हो चुका है।
रायबरेली-बांडा टांडा फोरलेन परियोजना न केवल जिले के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देगी, बल्कि लोगों की यात्रा भी अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगी। अब जिले के लोग इस परियोजना के जल्द शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।