लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के छुट्टी मनाकर वापस आने के बाद मुलाकात करेंगे।
इसके बाद ही सपा और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबन्धन को अन्तिम रुप दिया जाएगा। राहुल गांधी नौ जनवरी को छुट्टी मनाकर वापस लौटेंगे।
सर्वविदित है कि अखिलेश कांग्रेस से गठबन्धन करके चुनाव में जाने के लिए तैयार है इसके बारे में बहुत पहले से तेजी से चर्चाए शुरु हुई थी जो बीच में कुछ नरम हो गयी थी किन्तु इस बारे में एक बार पुन राजनीतिक हलकों में दोनों दलों के बीच चुनावी गठबन्ध होने की संभावना बलवती हुई है।
जानकारी मिली है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश खेमा कांग्रेस से गठबन्धन करने का लगातार दबाव बनाए हुए है। यह स्थिति चुनाव में मुस्लिम वोटों को ज्यादा से ज्यादा पक्ष में करने के लिए किया जा रहा है। मुस्लिम मतों का सपा कांग्रेस गठबन्धन के पक्ष में ध्रुवीकरण कराने केलिए कवायद की जा रही है।
हालांकि सपा औरकांग्रेस के गठबन्ध के बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी तथा पीएल पुनिया गठबन्धन होने से लगातार इन्कार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि राजनीति में अन्तिम फैसला होने तक राजनीतिक दल दो दलों के बीच चल रही गठबन्धन के बारे में इन्कार किया जा है और जब अन्तिम फैसला हो जाता है तो दोनों दल राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय लेने पर खुद को सहमत मान लेता है और गठबन्धन को बहुमत दिलाने के लिए जुट जाता है। यही स्थिति सपा और कांग्रेस गठबन्धन को लेकर हो रही है।
जानकारी मिली है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष छुट्टी मनाकर नौ जनवरी को आएंगे औरउसी दिन अखिलेश और राहुल के बीच दोनो दलों के बीच चुनावी गठबन्धन पर मुहर लगने की संभावना है। बताया जा रहा है कि सपा कांग्रेस को सौ सीटों को देने को तैयार है जिसपर कांग्रेस का नेतृत्व लगभग सहमत है। यह भी कहा जा रहा है कि सपा और कांग्रेस का गठबन्धन होने के बाद चुनाव में मुस्लिम मतों को एकजुट करने तथा उनका समर्थन प्राप्त करके राजनीतिक शक्ति को बढाने में सहायता मिलेगी।