“अयोध्या में बन रहे 161 फीट ऊंचे राम मंदिर का निर्माण सितंबर 2025 तक पूरा होगा। निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर में मकराना मार्बल का उपयोग होगा और 8.5 लाख घन फीट वंशी पहाड़पुर के पत्थर लगेंगे। निर्माण में 200 मजदूरों की कमी और पत्थर बदलने के कारण देरी हो रही है।”
अयोध्या। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का निर्माण अब सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है। पहले यह कार्य जून 2025 तक पूरा करने की योजना थी, लेकिन निर्माण में 200 मजदूरों की कमी और पत्थरों की गुणवत्ता संबंधी समस्या के चलते इसमें 3 महीने की देरी होगी। राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन और पूर्व IAS अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने इसकी पुष्टि की है।
मिश्र ने बताया कि मंदिर में 8.5 लाख घन फीट वंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। हालाँकि, मंदिर के प्रथम तल पर कुछ पत्थर कमजोर प्रतीत हो रहे हैं, इसलिए उन्हें हटाकर मकराना मार्बल से बदलने का निर्णय लिया गया है। इस प्रक्रिया में और समय लग सकता है, जिससे मंदिर निर्माण की समय-सीमा बढ़ गई है।
राम मंदिर का पहला तल भगवान राम को समर्पित होगा, जिसमें राम दरबार स्थापित किया जाएगा। दूसरे तल पर भगवान हनुमान की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी, जबकि तीसरे तल पर अयोध्या के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला एक संग्रहालय होगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी और मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 160 खंभे होंगे। पूरे मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 भव्य दरवाजे बनाए जाएंगे।
रामलला के दर्शनों के लिए वापसी का मार्ग भी श्रद्धालुओं के लिए आसान बनाया जा रहा है। ‘राम पथ’ पर अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने वापसी मार्ग पर पुनः विचार करने का निर्णय लिया है। साथ ही मंदिर परिसर में सप्त मंडपम का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ महर्षि वाल्मीकि और महर्षि अगस्त्य की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जाएगी।
जयपुर में मंदिर के लिए विभिन्न मूर्तियाँ तैयार की जा रही हैं, जिनमें भगवान राम दरबार की मूर्ति और अन्य सात मंदिरों की मूर्तियाँ शामिल हैं। ये मूर्तियाँ दिसंबर तक अयोध्या पहुँच जाएँगी, जिसके बाद इन्हें मंदिर परिसर में उचित स्थान पर स्थापित किया जाएगा।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल