इंदौर। गुजरात टीम के कप्तान पार्थिव पटेल ने शनिवार को कहा कि उनके खिलाड़ी रणनीति के मुताबिक काफी हद तक दबाव में नहीं आये और इसलिए रणजी फाइनल में 312 रन के अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य को हासिल कर इतिहास रचने में सफल रहे।
पटेल ने यहां होलकर स्टेडियम में गुजरात की मुंबई पर पांच विकेट से ऐतिहासिक विजय के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमने पहले ही तय कर लिया था कि हम मुंबई के खिलाफ खिताबी मुकाबले के दबाव में नहीं खेलेंगे।
हमने इस फैसले पर काफी हद तक अमल किया। हालांकि, जब हम जीत से केवल 10-15 रन दूर थे, तब थोड़ सा स्वाभाविक दबाव महसूस हो रहा था।
इकतीस वर्षीय क्रिकेटर ने कहा, मैच के आखिरी दिन 300 से ज्यादा रन के लक्ष्य का पीछा करना किसी भी टीम के लिये आसान नहीं होता। लेकिन हमें पूरा भरोसा था कि हम रणजी ट्रॉफी टूनार्मेंट जीत सकते हैं। मुझे काफी खुशी है कि हमने इस लक्ष्य को हासिल कर नया रिकॉर्ड बनाया।
मुंबई जैसी मजबूत टीम के खिलाफ गुजरात की खिताबी जीत में खुद पटेल की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने 196 गेंदों पर 24 चौकों की मदद से 143 रन की धमाकेदार पारी खेलकर अपनी टीम को राष्ट्रीय चैम्पियन बनाया।
उन्होंने कहा कि यह मेरे करियर की सबसे अच्छी पारियों में से एक है। जब हमने तीन विकेट जल्दी गंवा दिये, तो मैंने पैंतरा बदला और आक्रामक रूप से खेलकर जवाबी हमला शुरू कर दिया।
पटेल शॉर्ट पिच गेंद पर गेंदबाज को कैच थमाकर आउट हो गए, जब गुजरात लक्ष्य से केवल 13 रन दूर था। क्या गुजरात के कप्तान को मलाल है कि काश, वह अपनी टीम की ऐतिहासिक जीत के वक्त बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर मौजूद होते, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बल्लेबाज का आउट होना खेल का हिस्सा है। मेरे लिये मेरी टीम की जीत ज्यादा जरूरी है।
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