रिलायंस पावर ने रिलायंस पावर भूटान सोलर प्रोजेक्ट के रूप में दक्षिण एशिया में अपनी सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय सौर परियोजना की घोषणा की है। यह 500 मेगावाट की क्षमता वाली परियोजना भूटान में ₹2,000 करोड़ के निवेश से स्थापित की जाएगी। रिलायंस पावर और भूटान की सरकारी कंपनी ड्रक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स (DHI) इस प्रोजेक्ट को संयुक्त रूप से Build-Own-Operate मॉडल पर विकसित करेंगे।
यह अब तक का भूटान में सबसे बड़ा विदेशी निजी निवेश (FDI) होगा। परियोजना के अंतर्गत उत्पादित बिजली को DHI की सब्सिडियरी ग्रीन डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड को लॉन्ग टर्म पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) के तहत बेचा जाएगा। रिलायंस पावर द्वारा निर्माण कार्य के लिए प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के जरिए ठेकेदारों का चयन किया जा रहा है।
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यह पहल रिलायंस की रिन्यूएबल एनर्जी विस्तार रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत उसकी क्लीन एनर्जी पाइपलाइन 2.5 गीगावाट पीक तक पहुंच चुकी है। कंपनी भारत में सोलर और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) में अग्रणी बन चुकी है। अक्टूबर 2024 में शुरू हुई रिलायंस पावर, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और DHI की साझेदारी के तहत यह सोलर प्रोजेक्ट तथा 770 मेगावाट का चम्खरचू-I हाइड्रो प्रोजेक्ट भी शामिल है।
भूटान जैसे पर्वतीय देश के लिए यह परियोजना ऊर्जा आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। भारत और भूटान के बीच यह ऊर्जा सहयोग रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई देगा। दक्षिण एशिया में यह हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने का प्रेरक मॉडल बन सकता है।
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