लखनऊ: समाजवादी पार्टी के शासनकाल में देवरिया सहित कई जिलों में हुए खनन घोटाले के मामले में प्रदेश सरकार ने देवरिया के तत्कालीन जिलाधिकारी (डीएम) विवेक को बड़ी राहत दी है।
सूत्रों के अनुसार, 2009 बैच के आईएएस अधिकारी विवेक के खिलाफ सीबीआई को अभियोजन की अनुमति देने से सरकार ने इनकार कर दिया है, जिससे सीबीआई अब उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकेगी।
फिलहाल विवेक गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत हैं। इस बीच, तत्कालीन प्रमुख सचिव (भूतत्व एवं खनिकर्म) जीवेश नंदन के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पर शासन स्तर पर विचार-विमर्श जारी है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने देवरिया, सहारनपुर, हमीरपुर, कौशांबी, फतेहपुर, शामली और सिद्धार्थनगर में खनन घोटाले की जांच शुरू की थी। इस जांच में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित कई अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था।
देवरिया में बालू खनन के पट्टे नियमों का उल्लंघन कर दिए जाने पर, सीबीआई की नई दिल्ली स्थित स्पेशल क्राइम-3 यूनिट ने 29 जून 2019 को तत्कालीन डीएम विवेक, एडीएम (प्रशासन) देवी शरण उपाध्याय, खनन अधिकारी विजय कुमार मौर्या, खनन निरीक्षक पंकज कुमार सिंह, लिपिक हंसराज और पट्टाधारक शारदा यादव, वीरेंद्र यादव, संजय यादव, फूलबदन निषाद और अन्य अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
सीबीआई ने विवेक, देवी शरण उपाध्याय समेत सभी आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी खनन घोटाले से जुड़े सभी आरोपियों से पूछताछ की थी।
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