नागौर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को जिले के अमरपुरा ग्राम में संत लिखमीदास महाराज के मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और स्मारक लोकार्पण समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम अपनी संस्कृति, देवी-देवताओं व संत- महात्माओं के आशीर्वाद से प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में पहचान दिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 11 धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करने का कार्य हमने अपने हाथ में लिया है, जिसकी डीपीआर बना ली गई है। सरकार की योजना है कि प्रदेश के 33 जिलों में स्थित देवी-देवताओं के मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा देशभर के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बनें।
जोधपुर से रामदेवरा तक पैदल जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छा और सुन्दर मार्ग बनेगा। पदयात्रियों को परेशानी न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए अगले दो वर्षों में जोधपुर से रामदेवरा तक पदयात्रियों के लिए मार्ग में विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार गोपालन मंत्रालय की स्थापना के साथ गोपालन की स्थाई नीति बन रही है। साथ ही हर जिले में एक नंदी गोशाला की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार एक हजार छह सौ गोशाला अपने अधीन ले रही है, जिसमें गायों का बेहतर रखरखाव हो सकेगा। अनुदान की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गायों को सड़कों पर घूमने के लिए नहीं छोड़ें ताकि उन्हें प्लास्टिक खाने पर मजबूर नहीं होना पड़े। सरकार के साथ-साथ आमजन भी गायों के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि नागौर जिले को हिमालय का मीठा पानी मार्च 2018 तक मिलना प्रारम्भ हो जाएगा। नहर के पानी से नागौर जिले को जोड़ने के लिए साढ़े तीन हजार करोड़ रूपये का कार्य चल रहा है। इसके द्वारा जिले के 11 शहर, 1075 गांव एवं 3667 ढाणियों में हिमालय का मीठा पानी पहुंचेगा।