हरिद्वार । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोर काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सक्षम एवं उन्नत कृषि के लिए मृदा के स्वास्थ्य की जानकारी एवं उसका संरक्षण आवश्यक है।
उन्होंने कहा राज्य सरकार मृदा संरक्षण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। सभी जनपदों में मृदा परीक्षण लैब बनाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में 70 प्रतिशत लोगों के पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध हैं। हरिद्वार में 87 हजार 950 कृषकों में से 77 हजार कृषकों के मृदा हैल्थ कार्ड बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को 31 मार्च 2017 तक जनपद में सभी कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले का एवं ब्लाॅक लेबल पर भी स्वायल मैप बनाया जाए।
कहा कि मृदा की पहचान कर ही उसको स्वस्थ किया जा सकता है। जमीन के तत्वों की जानकारी होने पर उपयुक्त फसल उगा सकते हैं। श्री रावत ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के पास चार कार्ड होने आवश्यक हंै। आधार कार्ड, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं पशु स्वास्थ्य कार्ड।
उन्होंने कहा कि किसानों को पशु स्वास्थ्य कार्ड भी दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार कृषि के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। धान में 3.75 क्विंटल प्रति हैक्टेयर एवं गेंहू में 2.15 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
उन्होेंने जनपद के किसानों को सुझाव दिया कि खेती के लिए आधुनिकतम तकनीकि अपनाई जाए। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर बीज बदलना भी आवश्यक है। कहा कि गन्ने के क्षेत्र में उत्पादकता और बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि घाड़ क्षेत्र से लगे इलाकों में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नवीन तकनीक तथा उत्तम किस्म के बीजों का प्रयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद में दुग्ध उत्पादन एवं फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा दिया जाए।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ, कृषि निदेशक गौरीशंकर, मुख्य विकास अधिकारी डाॅ मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डाॅ अभिषेक त्रिपाठी, मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी. तिवारी, राव अफाक अली, चैधरी राजेन्द्र सिंह, मामचन्द त्यागी एवं जनपद के कृषक उपस्थित थे।
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