कोलकाता। कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को इस घोटाले से अर्जित काले धन के एक हिस्से को हवाला के जरिये पड़ोसी देश बांग्लादेश के रियल एस्टेट व्यवसाय में अवैध रूप से निवेश किए जाने के सुराग मिले हैं।
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सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान जब्त किए गए विभिन्न दस्तावेजों से जांच अधिकारियों को दो बांग्लादेशी व्यापारियों के नाम मिले हैं, जो रियल एस्टेट के कारोबार में रुचि रखते हैं और हाल के दिनों में अक्सर कोलकाता आ रहे थे। इन व्यापारियों की मुलाकात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से होती रही है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता के उत्तरी उपनगर साल्ट लेक में एक व्यवसायी स्वप्न साहा के घर से सात करोड़ रुपये की सोने की खेप जब्त की। स्वप्न साहा को संदीप घोष का करीबी माना जाता है। जब साहा इस सोने की खरीद या उसकी फंडिंग के स्रोत के बारे में कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दे सके, तो ईडी अधिकारियों ने इस खेप को जब्त कर लिया। संदेह है कि यह सोना दुबई से बांग्लादेश के रास्ते कोलकाता में तस्करी करके लाया गया था।
सूत्रों ने यह भी बताया कि ईडी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। इसके बाद ईडी अधिकारियों ने कई शेल कंपनियों के अस्तित्व का पता लगाया, जो घोष के करीबी व्यापारियों के लिए मेडिकल उपकरणों या रखरखाव कार्य-आदेशों के ठेके हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं।
ईडी संदीप घोष की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच कर रहा है और उसकी कई संपत्तियों का पता लगाया है, जिनमें कोलकाता में एक जुड़वां फ्लैट और उपनगर में एक उच्च-स्तरीय रिसॉर्ट बंगला शामिल है, जिसकी बाजार कीमत कई करोड़ रुपये आंकी गई है।
सूत्रों के अनुसार ईडी अधिकारी घोष और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों और संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों की भी जांच कर रहे हैं, ताकि इस मामले में और सुराग मिल सकें।
ईडी के अलावा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी भी आरजी कर में वित्तीय अनियमितताओं के मामले की समानांतर जांच कर रहे हैं।