“गाजियाबाद जिला अदालत में वकील और जज के बीच झड़प, कुर्सियों का फेंकना, लाठीचार्ज, और चौकी में आगजनी। वकीलों का पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन, स्थिति तनावपूर्ण, कई वकील घायल।”
गाजियाबाद। गाजियाबाद के जिला अदालत में मंगलवार को एक विवादास्पद घटना के दौरान वकीलों और जिला जज के बीच बवाल मच गया। मामला उस समय शुरू हुआ जब वकील नाहर सिंह यादव ने कोर्ट में जमानत अर्जी को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की। जज अनिल कुमार ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए वकील के साथ तीखी बहस की। यह विवाद इतना बढ़ गया कि जज को अपनी डेस्क से उतरकर वकीलों के पास आना पड़ा।
वकील नाहर सिंह यादव और अन्य वकीलों ने जज से अपील की कि यदि उनकी कोर्ट में मामलों का बोझ अधिक है, तो वह किसी अन्य न्यायिक अधिकारी को केस ट्रांसफर कर दें। जज की भड़कने और अभद्र व्यवहार करने के बाद, वकील हंगामा करने लगे। उन्होंने जज पर कुर्सियां फेंकी, जिससे कोर्ट रूम में अफरातफरी मच गई।
इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जज ने तत्काल पुलिस और PAC को बुलाया। पुलिस ने हंगामा कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई वकील घायल हुए। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें कोर्ट रूम में चारों ओर से बंद करके पीटा। इस दौरान कुछ वकीलों को गंभीर चोटें आईं।
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पुलिस चौकी में आगजनी:
इस घटना से गुस्साए वकीलों ने कचहरी की पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी। घटनास्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने की कोशिश की। इस तोड़फोड़ और आगजनी के कारण कोर्ट परिसर में भारी तनाव व्याप्त हो गया।
विरोध प्रदर्शन:
गाजियाबाद में हुई इस घटना के विरोध में मेरठ में वकीलों ने प्रदर्शन किया। वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मांग की कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वकील सड़कों पर बैठ गए और पुलिस के व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
फिलहाल, कोर्ट परिसर में सुरक्षा के लिए कई थानों की पुलिस तैनात की गई है। वकीलों और पुलिस के बीच यह टकराव न केवल गाजियाबाद में, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। वकीलों का कहना है कि पुलिस का यह रवैया अति आक्रामक था और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।