टोरंटो/कनाडा: कनाडा इंडिया फाउंडेशन (CIF) ने वर्ष 2024 के लिए प्रतिष्ठित ग्लोबल इंडियन अवार्ड की घोषणा की है, जिसे ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु को प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार उनके द्वारा किए गए वैश्विक प्रभाव और पर्यावरणीय जागरूकता के लिए उन्हें सम्मानित करने का एक प्रयास है।
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सदगुरु को पुरस्कार स्वरूप 50,000 कनाडाई डॉलर की राशि प्राप्त होगी, जिसे वह अपनी कावेरी कॉलिंग संस्था को देंगे। यह संस्था भारत में नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यरत है, विशेष रूप से कावेरी नदी के पुनरुद्धार के लिए।
CIF का उद्देश्य
कनाडा इंडिया फाउंडेशन, भारतीय मूल के उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। CIF के अध्यक्ष रितेश मलिक ने कहा कि “सदगुरु के विचार और उनके कार्य सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायक हैं।” उन्होंने सदगुरु की उपस्थिति और पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए उनकी सहमति के लिए भी आभार व्यक्त किया।
सदगुरु का योगदान
सदगुरु ने CIF के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह पुरस्कार राशि कावेरी कॉलिंग को समर्पित कर रहे हैं। इस परियोजना का लक्ष्य नदियों को पुनर्जीवित करना और किसानों की अर्थव्यवस्था में सुधार करना है। अब तक, इस परियोजना के तहत 111 मिलियन पेड़ लगाए जा चुके हैं, जिसका उद्देश्य कावेरी नदी के क्षेत्र को पुनर्जीवित करना है।
कनाडा में सदगुरु के विचार
रितेश मलिक ने बताया कि “सदगुरु के विचारों से कनाडा के निवासी भी लाभ उठा सकते हैं। उनका जोर योग, ध्यान, और माइंडफुलनेस पर है, जो मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं।”
कनाडा इंडिया फाउंडेशन के बारे में
CIF एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो कनाडा और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कार्यरत है। यह संगठन भारतीय मूल के नेताओं के योगदान को उजागर करता है और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों का समर्थन करता है।
सदगुरु की पहचान
सदगुरु, न्यूयॉर्क टाइम्स के सबसे ज़्यादा बिकने वाले लेखक और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता हैं। उन्होंने ईशा फाउंडेशन की स्थापना की, जो दुनिया भर में 17 मिलियन से ज़्यादा स्वयंसेवकों का समर्थन प्राप्त करती है।
इस पुरस्कार के माध्यम से सदगुरु की सेवाओं और उनके द्वारा किए गए कार्यों को मान्यता मिली है, जो न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं।