लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी सांसद साक्षी महाराज और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
इससे पहले भाजपा ने मायावती पर जाति और धर्म के आधार पर प्रत्याशी घोषित करने का आरोप लगाते हुए आयोग से शिकायत की थी।
पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अम्बेथराजन ने बुधवार को लिखित शिकायत करते हुए आयोग से साक्षी महाराज और केशव मौर्य के खिलाफ आरपी एक्ट के सेक्शन 16 ए के तहत कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
अम्बेथराजन ने साक्षी महाराज पर धर्म के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके बयान में एक वर्ग विशेष को निशाने पर रखा गया है जबकि केशव मौर्य ने अपने भाषण में यादव बिरादरी का जिक्र किया था।
अम्बेथराजन ने कहा है कि इस तरह के कृत्य चुनाव आचार संहिता के अधीन भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आते हैं। इसलिए चुनाव आयोग भाजपा के खिलाफ ‘द इंलेक्शन सिंबल रिजर्वेशन एण्ड एलॉटमेंट ऑर्डर 1988’ की धारा 16 ए के तहत कार्यवाही करते हुए पार्टी की मान्यता को तत्काल रद्द करे। उन्होंने दोनों भाजपा नेताओं की संसद सदस्यता रद्द करते हुए छह साल के लिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की भी मांग की है।
इस बीच, भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय पाठक ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि बसपा नेता किस तरह जाति और धर्म के आधार पर भाषण देते हैं। भाजपा चुनाव आचार संहिता का पूरी तरह पालन करती है। उधर, साक्षी महाराज ने छह जनवरी को मेरठ में दिये अपने भाषण के सम्बंध में चुनाव आयोग को जवाब दे दिया है।
साक्षी महाराज का कहना है कि उन्होंने भाषण में किसी सम्प्रदाय का नाम नहीं लिया था। आयोग ने साक्षी महाराज को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है